भारत को इस बेटी पर गर्व , पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में दिलाया रजत पदक - न्यूज़ अटैक इंडिया
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भारत को इस बेटी पर गर्व , पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में दिलाया रजत पदक

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नई दिल्ली। प्रदेश सरकार की उपेक्षा से दुखी अन्तराष्ट्रीय पावर लिफ्टर नि‍धि‍ सिंह पटेल ने एक बार फिर अपने बाजुओं का दम दिखाते हुए उजबेकिस्तान में आयोजित बेंच प्रेस पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल कर एक बार फिर से देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है।सरकारी मदद के अभाव में चंदे के पैसे से प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची निधि तमाम अभावों के बावजूद यह पदक हासिल करने में कामयाब हुई हैं। निधि ने एशिया बेन्च प्रेस पावरलिफ्टिगं चैम्पियनशिप में 57 किलोग्राम भार वर्ग में अपने प्रतिद्वंद्वियों से कड़ा मुकाबला करते हुए 87.5 किलो भार उठा कर रजत पदक पर कब्जा जमाया। निधि बहुत ही मामूली अंकों से कजाकिस्तान की सेलिवा इरिना के गोल्ड से चूक गई।

निधि ने दूरभाष पर बातचीत में कहा कि देश के लिए खेलने और जीतने में गर्व तो महसूस होता ही है लेकिन आखिर कब तक चंदे के पैसे से खेलती रहूंगी?? निधि ने बताया कि उनके साथ खेलने वाली ज्यादातर खिलाड़ियों को अपने राज्य की सरकार से मदद मिलती है, लेकिन दर्जनों अन्तर्राष्ट्रीय पदक जीतने के बाद भी उन्हें आज तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली। निधि ने कहा कि उन्‍हें इस बात का मलाल है कि आखिर कब तक वह चंदे के पैसे से विदेश की धरती पर जाकर खेलेंगी। विदेशी धरती पर सम्मान और अपने ही प्रदेश में अपमान और उपेक्षा से वह दुखी हैं। उन्‍होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद से रिटायर्ड हुए पिता पर वह कब तक बोझ बनी रहेंगी।

नि‍धि‍ का जन्‍म चुनार तहसील क्षेत्र के पचेवरा गांव में गरीब परि‍वार में हुआ है। खेल के प्रति उनके लगाव के बारे में उनके कोच कमलापति बताते हैं कि निधि ने पत्थरों के भार उठाकर प्रेक्टिस शुरू की थी। 2009 में उन्‍होंने प्रदेश और देश के लिए खेलना शुरू किया। 2010 में वह फिलीपींस में लोगों के सहयोग से खेलने गईं और सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद उन्‍होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर साल वह देश के साथ ही विदेशी धरती पर अपने जौहर से पदक बटोरती रहीं। इतनी प्रति‍भा होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने अब तक उनकी कोई मदद नहीं की है। हर बार सामाजिक संगठनों और समाज के लोगों के सहयोग से निधि खेलने के लिए पैसे जुटा पाती हैं।

निधि ने बताया कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जनता दरबार में मिल चुकी हैं । मुख्यमंत्री ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया था लेकिन नतीजा नहीं। इससे पहले कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव उन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी कोई सहयोग उपलब्ध नहीं कराया गया। अब निधि सिंह पटेल को नवंबर में होने अमेरिका में होने वाली वर्ल्ड कप पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप लिए भी पैसे की व्यवस्था करनी है।

निधि को मिले पदक-

 

1-  2010 फिलिपीन्स की राजधानी मनिला में एशिया बेन्च प्रेस पावरलिफ्टिगं में 52 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक।

2- 2011 अगस्त में एशिया बेन्च प्रेस पावरलिफ्टिगं ताईवान में 57 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक।

3 – 2011 दिसंबर में पावरलिफ्टिगं कामनवेल्थ लंदन में 57 किग्रा. भार वर्ग में पांच स्वर्ण पदक।

4- 2015 जुलाई में एशिया सीनियर महिला पावरलिफ्टिगं चैम्पियनशिप हांगकांग में 57 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक।

5- 2015 अक्टूबर में ओमान में एशिया बेन्च प्रेस पावरलिफ्टिगं चैम्पियनशिप में 57 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक और एशिया की सबसे शक्तिशाली महिला की उपाधि हासिल की।

इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी कई स्वर्ण पदक के साथ कई बार भारत की सबसे शक्तिशाली महिला का खिताब मिला । इसके अलावा 2009 से 2016 तक कई स्वर्ण पदक के साथ आठ बार लगातार strong woman of uttar pradesh  के खिताब पर कब्जा जमा चुकी हैं।

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