रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड ? - न्यूज़ अटैक इंडिया
Search

रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड ?

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

हिन्दू धर्म ग्रन्थ के रूप में बेहद ही पवित्र माना जाने वाला रामचरितमानस लगातार विवादों में रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। उन्होंने कहा था कि धर्म कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष, वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया गया है, हम उस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं.उन्होंने योगी सरकार से संज्ञान में लेते हुए अपील किया था कि रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ब्राह्मण भले ही लंपट,  दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो. उन्होंने कहा कि जब इनकी किसी बात पर टिप्पणी की जाती है, तो चंद मुट्ठीभर धर्म के ठेकेदार जिनकी इसी पर रोजी-रोटी चलती है वह कहते हैं कि हिंदू भावना आहत हो रही है. स्वामी प्रसाद मौर्या के इन बयानों के बाद देश भर में काफी हंगामा हुआ था , हाथो में त्रिसूल व तलवार लेकर सड़को पर हिन्दू धर्म के कथित मठाधीशो ने प्रदर्शन कर मौर्या पर कार्यवाही की मांग किया था।

ताजा मामला बिहार से है एक बार पुनः बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने एक कार्यक्र्म में कहा था कि राम चरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, जब तक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करता रहूंगा।रामचरितमानस के अरण्य कांड की चौपाई ‘पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा’ को लेकर कहा कि यह क्या है? क्या इसमें जाति को लेकर गलत बात नहीं कही गई है? इसके बाद मंत्री ने बोला कि पिछली बार रामचरितमानस के सुंदर कांड के दोहे पर जीभ काटने की कीमत 10 करोड़ रुपये लगाई गई थी तो मेरे गले की कीमत क्या होगी ?  क्या गुणहीन विप्र पूजनीय है और गुणयुक्त शूद्र वेद का जानकार होने पर भी पूजनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे देश से बाहर जाने की बात कही जाती है। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने किसी धर्मविशेष पर टिप्पणी की तो उन्हें क्यों नहीं भेजा जाता ? जब तक गोदान के पात्र की जातियां बदलेंगी, तब तक उनका विरोध कायम रहेगा।

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

उन्होंने मनुस्मृति का भी जोरदार विरोध करते हुए कहा था कि मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं। रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। देश को नफरत नहीं, मोहब्बत महान बनाती है।

रामचरित मानस पर बहस छिड़ी हो और विधायक रामस्वरूप वर्मा का जिक्र न आए, ऐसा नहीं हो सकता है। हालांकि, रामचरित मानस को लेकर आए विवादित बयानों की बात करें तो इसके पहले भी तमाम माननीय इस ग्रंथ को लेकर बुलंदी के साथ आवाज उठाते रहे हैं। राजपुर से विधायक रहे रामस्वरूप वर्मा ने तो अपने समर्थकों के साथ मिलकर करीब पांच सौ प्रतियां एकत्र कर रामचरित मानस की होली जलाई थी। इस घटना की चर्चा पूरे देश में हुई थी। विधायक और उनके 129 समर्थकों पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी।

विधायक रामस्वरूप वर्मा कहते थे कि रामचरित मानस की चौपाई (ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी) ने संपूर्ण नारी समाज के साथ समाज के एक बड़े तबके का अपमान किया है। इसके साथ ही कई अन्य चौपाई सामाज में भेदभाव का भाव पैदा कर रही हैं। वह धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों के भी सख्त खिलाफ थे। एक जून 1975 को विधायक रामस्वरूप वर्मा ने अपने विधानसभा क्षेत्र के दयानतपुर कांधी गांव के एक बाघ में रामचरित मानस की करीब पांच सौ प्रतियां एकत्र की, इसके बाद उनकी होली जला दी। ये घटना पूरे देश में चर्चा बन गई। विधायक और उनके सहयोगी रहे राधेश्याम कटियार, विश्राम स्वरूप सेंगर, सीताराम कटियार, रामआसरे समेत 129 लोगों पर धार्मिक ग्रंथ जलाने की एफआईआर हुई। वकील राजा सिंह के अनुसार मामला कोर्ट में चार साल तक चला, लेकिन आरोप तय नहीं हो सके। इससे मुकदमा खत्म हो गया।

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

रामस्वरूव वर्मा समाजवादी नेता थे। 22 अगस्त 1923 को उनका जन्म राजपुर क्षेत्र के गौरीकरन गांव में हुआ था। 18 अगस्त 1998 को उनकी मौत हो गई। वह लगातार पचास साल तक राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने ही अर्जक संघ की स्थापना की थी। वह कहते थे कि समाज में समानता लाने के लिए अर्जक संघ काम करेगा। नारी, पिछड़े, शोषित और उपेक्षित समाज को समानता का भाव दिलाने के लिए अर्जक संघ संघर्ष जारी रखेगा। 1967 में उत्तर प्रदेश सरकार में वित्तमंत्री रहते हुए उन्होंने 20 करोड़ लाभ का बजट पेश किया था।

न्यूज़ अटैक हाशिए पर खड़े समाज की आवाज बनने का एक प्रयास है. हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए हमें आर्थिक सहयोग की अपेक्षा है। .
न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack
Share This.

Related posts

Leave a Comment