बिहार कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले - न्यूज़ अटैक इंडिया
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बिहार कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले

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पटना. बिहार राज्य में अब इंटरमीडिएट में कृषि की पढ़ाई करनेवाले छात्रों के लिए कृषि विश्वविद्यालयों में बीएससी एजी की आधी सीटें आरक्षित रहेंगी. साथ ही आइएससी एजी को इंटरमीडिएट साइंस का दर्जा मिलेगा. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. कैबिनेट के निर्णयों के अनुसार राज्य में बड़े पुलों के प्रबंधन के लिए एक विशेषज्ञ इकाई का गठन होगा. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने अब तक 11 महासेतु, 578 बड़े पुल, तीन फ्लाइओवर और 1051 अन्य पुलों का निर्माण कराया है.



कैबिनेट विभाग के संयुक्त सचिव यूएन पांडेय के अनुसार पथ निर्माण विभाग के पथों पर मौजूद बड़ी संख्या पुल पुराने हो चुके हैं. इन्हें चरणबद्ध तरीके से सुदृढ़ करने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान में पुलो के रखरखाव आवश्यकता आधारित है. अब तक राज्य में ऐसी विशेष व्यवस्था नहीं है, जिससे पुलों के रखरखाव के लिए विश्वस्तरीय तकनीकी का उपयोग हो. इसके लिए अलग से एक विशेषज्ञ इकाई गठित की जायेगी. पथ निर्माण विभाग के अधीन गंगा पुल परियोजना उपभाग को सेतु प्रबंधन उपभाग के रूप में पुनर्गठित किया जायेगा और गंगा पुल परियोजना उपभाग के 51 पदों के साथ नवसृजित 10 विशेषज्ञ अभियंताओं के पदों का पुनर्गगठन किया जायेगा. इसे गंगा पुल परियोजना के उपभाग के गायघाट स्थित आवासीय परिसर, संपत्ति और संबंधित अभिलेख सौंपा जायेगा. इस निर्णय से महात्मा गांधी सेतु प्रमंडल कार्यालय परिसर को मुक्त रखा गया है.

पिछले साल आयी बाढ़ से कई जगहों पर तटबंधों और बैराजों को क्षति पहुंची है. तटबंधों को दुरुस्त करने के लिए जल संसाधन विभाग के लिए आकस्मिक निधि से 300 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं.राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज के रिक्त 12 हजार 256 पदों पर उपचुनाव 28 फरवरी को कराया जायेगा. कैबिनेट ने राज्य निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव को मंगलवार को सहमति दे दी है. रिक्त पदों में मुखिया के आठ पद, सरपंच के आठ पद, जिला पार्षद के एक पद और पंचायत समिति सदस्य के 18 पद शामिल हैं. राज्य निर्वचान आयोग ने पंचायत उपचुनाव के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया है. इसके उपचुनाव की अधिसूचना 23 जनवरी को जारी होगी. 30 जनवरी तक नामांकन, दो फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच, तीन फरवरी को नाम वापस हो सकेगी. मतगणना दो मार्च को होगी.

राज्य सरकार सभी धर्मों के लोगों से विमर्श के बाद ही समान नागरिक संहिता पर केंद्रीय विधि आयोग को अपनी राय देगी. राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. केंद्रीय विधि आयोग ने इस मुद्दे पर 16 सूत्री प्रश्नावली भेज कर राज्य सरकार से मतव्य मांगा है. विधि आयोग वर्तमान विधि की पड़ताल कर इसमें सुधार के लिए सुझाव देगा. इस उद्देश्य से वह सभी धर्मों के लिए समान सिविल संहिता की उपयोगिता पर विचार कर रहा है. राज्य सरकार ने समीक्षा के बाद पाया है कि इस मुद्दे पर अब तक किसी समुदाय या संप्रदाय के बीच चर्चा नहीं हुई है. इनमें से किसी ने भी इसमें बदलाव की बात नहीं उठायी है. ऐसी स्थिति में समान सिविल संहिता की संभावना पर सभी प्रभावित होनेवालों से विमर्श के बिना किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता है.


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