भोजपुरी सिंगर शिल्पी राज का मैनेजर अभय पांडेय निकला फ्राडियो का सरगना , दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार - न्यूज़ अटैक इंडिया
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भोजपुरी सिंगर शिल्पी राज का मैनेजर अभय पांडेय निकला फ्राडियो का सरगना , दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

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पटना। भोजपुरी इंडस्ट्री में धमाल मचा चुकी सिंगर शिल्पी राज का विवादों से पुराना नाता है। विगत वर्ष पटेल फिल्म्स से एग्रीमेंट को लेकर सोसल मीडिया पर बवाल मचा तो नदिया के पार वाली कहावत को लेकर शिल्पी राज एवं विवेक कुमार पटेल का आपसी सम्बन्ध विवादों में रहा , शिल्पी राज के पति होने का दावा करने वाले विवेक कुमार पटेल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र भेज कर शिल्पी राज के ही वर्तमान मैनेजर अभय पांडेय ,भोजपुरी गायक विजय चौहान एवं म्यूजिक डाइरेक्टर आर्या शर्मा पर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग किया था।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजे पत्र में विवेक कुमार पटेल पुत्र रमाकांत पटेल ग्राम भठवा तिवारी जिला देवरिया ने लिखा था कि मेरी शादी शिल्पी राज उर्फ शिल्पी राजभर निवासी ग्राम करहि पांडे पोस्ट पकड़ी बाबू थाना भाटपार रानी जिला देवरिया के साथ मैरवा के माता मंदिर में दिनांक 22 जून 2019 को हुई थी तबसे हम पति-पत्नी पटना में रहकर अपना जीवन यापन व्यतीत कर रहे थे, मेरी पत्नी भोजपुरी लोक गायिका है, गायन को लेकर के बहुत लोगों से मिलना जुलना रहता था दिनांक दो मई 2021 को मेरी पत्नी से मिलने के लिए विजय चौहान निवासी ग्राम फाजिलपुर नोनिया टोला थाना आसाव जिला सिवान बिहार एवं अभय पांडेय उर्फ अभिनव पांडेय पुत्र गिरीश चंद्र पांडेय निवासी टेक्सी स्टैंड निकट महिला थाना शहर जिला देवरिया उत्तर प्रदेश , आर्या शर्मा उर्फ चंदन शर्मा पता आर्या रिकार्ड्स पूजा अपार्टमेंट 6 फ्लोर एक्सबिशन रोड पटना बिहार आए उसके बाद उसे बुलाकर ले गए तब से आज तक मेरी पत्नी उन लोगों के कब्जे में है, हमें संदेह है कि उन्होंने मेरी पत्नी के साथ कोई अनैतिक कार्य न किया हो यह भी संदेह है कि कुछ ऐसे गुमराह करने वाले कार्य न की हो जिस कारण मेरी पत्नी उनके चंगुल से बाहर नहीं निकल पा रही है एव उन लोगो के इशारे पार कार्य कर रही है, इस संबंध में मैंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय पटना बिहार को 3 जून 2021 को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है किंतु अभी तक वह सब पकड़ से बाहर हैं, जिस संबंध में पटना उच्च न्यायालय में बाद भी दायर किया है पता चला है कि उपरोक्त लोग दिल्ली में सी 35 आनंद विहार उत्तम नगर बेस्ट आनंद विहार बीकानेर स्वीट के पास दिल्ली में रह रहे हैं। इस पत्र के उपरांत विवेक कुमार पटेल के तमाम वीडियो सोसल मीडिया पर वायरल हो रहे थे किन्तु सिंगर शिल्पी राजभर एवं मैनेजर अभय पांडेय द्वारा कभी भी किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई।

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विगत दिनों विवेक कुमार पटेल एवं शिल्पी राज के मुद्दे पर पटना में महिला विकास मंच नामक संस्था की अगुवाई में सुलह हुआ , जिस दौरान शिल्पी राज के मैनेजर अभय पांडेय ने पत्रकारों से बताया था कि विवेक कुमार पटेल के विरूद्ध शिल्पी राज ने कोर्ट में केश दायर किया था जिस केश में विवेक कुमार पटेल हार गया है। मैनेजर अभय पांडेय के इस वक्तब्य के बाद सवाल उठा कि जब विवेक कुमार पटेल कोर्ट में केश हार गया है तो किस मजबूरी में महिला विकास मंच की अगुवाई में शिल्पी राज एवं विवेक कुमार पटेल के बीच आपसी समझौता हुआ।

दूसरी तरफ पटेल फिल्म से सिंगर शिल्पी राज का एग्रीमेंट को लेकर कोर्ट केश चल रहा है , बताया जाता है कि इस मुद्दे पर भी शिल्पी राज के मैनेजर अभय पांडेय ने पटना में पटेल फिल्म के मालिक के साथ कुछ लाख का ऑफर देते हुए समझौता का प्रयाश किया था ,उक्त बैठक पटना के मशहूर डिजिटल मैनेजर के आफिस में हुई थी जिस दौरान दर्जनों लोग उपस्थित रहे किन्तु पटेल फिल्म्स ने मैनेजर अभय पांडेय के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

भोजपुरी में लोकप्रियता हासिल कर चुकी सिंगर शिल्पी राज के साथ विब्भिन मंचो पर साए की तरह दिखने वाला मैनेजर अभय पांडेय पिछले एक माह से एकाएक कहा गायब हो गया भोजपुरी इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन गया है, वही चर्चा यह भी है कि कई छदम नमो से चर्चित अभय पांडेय दिल्ली में ही है किन्तु जेल की सलाखों के भीतर अपने फ़्राडी गुनाहो में सजा काटते हुए जमानत की फ़िराक में है। बताया जाता है कि शिल्पी राज के मैनेजर अभय पांडेय का दूसरा नाम अष्टभुजेश पांडे  है जो कि  एनपीसीआई, आरबीआई, एसबीआई जैसी एजेंसियां का अधिकारी /कर्मचारी बन अपने गैंग के साथियो के साथ मिलकर बीमा पॉलिसी मैच्योर करने के नाम पर ठगी करता था।

 दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने साइबर ठगों के एक बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान दिल्ली के गोविंदपुरी निवासी 33 वर्षीय निशांत कुमार, नजफगढ़ निवासी 33 वर्षीय देवेंद्र कुमार, शाहदरा निवासी 29 वर्षीय मनीष कुमार, गाजियाबाद निवासी 32 वर्षीय अंकित गौड़, गाजियाबाद के शास्त्री नगर निवासी 33 वर्षीय सुनील यादव, वसुंधरा निवासी 33 वर्षीय भूपेंद्र कुमार और दिल्ली के उत्तम नगर निवासी 33 वर्षीय अष्टभुजेश पांडे के रूप में हुई । इन सभी पर आरोप है कि बीमा पॉलिसी के मैच्योर होने का झांसा देकर देश की अलग-अलग जगहों पर लोगों को कॉल कर ठगी करते थे। पुलिस का दावा है कि अभी तक 10 लोगों से लगभग 6 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। आरोपियों के पास से 20 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप, 1 पेन ड्राइव, पीड़ितों के डेटा वाले दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं।

आईएफएसओ डीसीपी हेमंत कुमार तिवारी के मुताबिक, ग्रीन पार्क निवासी एक शख्स ने शिकायत दी कि उसे बीमा पॉलिसी के नाम पर खुद को सरकारी अधिकारी बताने वालों ने लगभग 3.5 करोड़ रुपये ठग लिए। यह ठगी अप्रैल 2018 से शुरू हुई। एनपीसीआई, आरबीआई, एसबीआई जैसी एजेंसियां से साइबर ठगों ने खुद को बताया था। उन लोगों ने यह भी दावा किया कि वे आईआरडीए (बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) से हैं। पीड़ित को यकीन दिलाने के लिए फर्जी पहचान पत्र और यहां तक कि आधार कार्ड भी दिखाया। भरोसा देते हुए बताया कि पीड़ित की तरफ से बीमा पॉलिसी में इन्वेस्ट की गई रकम अब काफी गुना बढ़ चुकी है, जिसे कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निकाल सकता है।

इस मामले में आईएफएसओ ने इसी साल 3 जनवरी को संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। बैंक डिटेल ट्रांजैक्शन, मोबाइल नंबरों की डिटेल खंगाली। जांच के दौरान निशांत कुमार का पता चला, जो दूसरे नाम राजेंद्र प्रसाद का उपयोग कर रहा था। डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर बाकी 6 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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