पटना .आम आदमी डाक्टर को भगवान मानकर उससे पीड़ित की जान की भीख मागता है किन्तु आज भगवान रुपी डाक्टर हैवान बन गए है. बिहार के गोपालगंज में मानवता को शर्मसार करने वाला एक सनसनीखेज ऐसा ही मामला सामने आया है. जहा डाक्टर ने एक नवजात बच्चे की किडनी निकाल कर चिकित्सा क्षेत्र के पेशे पर बदनुमा दाग लगा दिया है .
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी रामदयाल प्रसाद की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के बाद गोपालगंज के भोरे थाना के लालाछापर गांव के डॉ. एमएम अंसारी के क्लिनिक में भर्ती कराया गया. 21 जनवरी को रामदयाल प्रसाद की पत्नी प्रिया देवी को नॉर्मल डिलीवरी हुई किन्तु जन्म लेने के बाद बच्चे की मौत हो गई. पीड़ित परिजनों के मुताबिक बच्चे की मौत के कई घंटों के बाद उन्हें बच्चे का शव सौंपा गया.
खुशहाली के आए घोर मातम के बीच परिजनों ने मृतक बच्चे के शव को दफना दिया. लेकिन शव दफनाने के तीन दिन बाद परिजनों को सूचना मिली कि उनके नवजात बच्चे के जन्म के बाद ही किडनी निकाल दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने भोरे थाने में निजी क्लीनिक के संचालक डॉ. एमएम अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया.मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने 26 जनवरी को देवरिया के परुआ गांव में जमीन खोदकर बच्चे के शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल में भेज दिया है.
मृतक के परिजनों ने नवजात शिशु के शव का फोटो भी लिया है, जिसमें साफ दिखता है कि बच्चे के पेट में चीरफाड़ के निशान मौजूद हैं. पेट को काटकर उसकी सिलाई की गई है. मृतक शिशु के परिजनों के मुताबिक जन्म के समय उनका नवजात स्वस्थ था, लेकिन कुछ घंटे बाद ही डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस घिनौनी घटना के बाद पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है.