मंडी परिषद का भ्रष्ट्राचारी उप निदेशक रविंद्र सिंह लापता ,विभाग ने शुरू की अग्रिम कार्रवाई - न्यूज़ अटैक इंडिया
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मंडी परिषद का भ्रष्ट्राचारी उप निदेशक रविंद्र सिंह लापता ,विभाग ने शुरू की अग्रिम कार्रवाई

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डीडीए कानपूर का प्रभार देख रहे सचिव सुभाष सिंह पर कार्यवाही कब ?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को भ्रस्ट्राचार से मुक्त होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही अध्यक्षता वाले राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में भ्रष्ट्राचारियों का बोलबाला है , राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद की स्थापना मण्डी समितियों की विभिन्न गतिविधियों और कल्याणकारी योजनाओं के आयोजन नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए वर्ष 1973 में राज्य स्तर पर की गयी थी। किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित व्यवहार और उचित समर्थन मूल्य पाने के लिए मण्डी परिषद ने प्रभावशाली ढंग से विभिन्न अधिनियमों को लागू करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी किन्तु आज वही मंडी परिषद भ्रष्ट्राचारियों का चरणगाह बना हुआ है ।

भ्रस्ट्राचार की गंगा में डुबकी लगा रहे राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के प्रयागराज निर्माण खंड में विगत वर्ष हुए ढाई करोड रुपए फर्जी भुगतान प्रकरण के आरोप में निलंबित हो चुके उप निदेशक (निर्माण) रविंद्र सिंह विगत चार महीने से लापता बताए जा रहे हैं। वह कहां हैं, किस हाल में इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है।

मंडी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने इस बाबत समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से सूचना देते हुए उन्हें 10 दिनों के अंदर विभाग में उपस्थित होकर आरोप पत्रों का उत्तर देने को कहा है। निदेशक ने बताया कि 10 दिनों के अंदर उपस्थित न होने की स्थिति में आपको लापता मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब हो कि उपनिदेशक (निर्माण) रविंद्र सिंह को 24 सितंबर 2023 को भ्रष्टाचार करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इसी आरोप में प्रयागराज निर्माण खंड में तैनात रहे क्लर्क मंजीत सिंह एवं दो अन्य लेखाधिकारी को निलंबित किया गया था। उक्त चारों के खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।

आरोप था कि उपनिदेशक रविंद्र सिंह ने फर्जी फर्मों को ढाई करोड रुपए का भुगतान करवा दिया है। प्रकरण की सूचना मिलने के बाद निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने जांच टीम गठित की थी। जांच टीम ने इस प्रकरण पर उपनिदेशक सहित चार को आरोपी बनाया था। जांच में पता चला कि क्लर्क मंजीत सिंह ने अपनी पत्नी, साले एवं दोस्तों के नाम फर्जी फर्म बनवाकर उसी फर्म के खाते में ढाई करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया।

इस भुगतान में चेक पर उपनिदेशक रविंद्र सिंह और लेखाकार का हस्ताक्षर पाया गया था। इस दौरान विभाग ने कार्रवाई करते हुए रविंद्र सिंह को मुख्यालय से संबंध कर दिया था। संबद्धीकरण के बाद से अब तक रविंद्र सिंह विभाग में नहीं पहुंचे हैं। कई बार रविंद्र सिंह से संपर्क स्थापित करने के लिए पत्राचार आदि भी किया गया, लेकिन रविंद्र सिंह का कोई जवाब नहीं आया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मंडी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने उन्हें लापता मानते हुए अग्रिम कार्रवाई शुरू की है। इसके लिए मंडी परिषद को विज्ञापन जारी कराना पड़ा, ताकि उनतक सूचना पहुंच सके। निदेशक ने बताया कि 10 दिन का अवसर दिया गया कि वह मुख्यालय पहुंचकर आरोपपत्रों का जवाब दे दें। अगर 10 दिनों में वह मुख्यालय नहीं पहुंचे तो उन्हें लापता मानते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

एक तरफ मामला बढ़ता देख विभाग इलाहाबाद में तैनात रहे उपनिदेशक (निर्माण) रविंद्र सिंह पर कार्यवाही करने की कवायद में जुटी है दूसरी तरफ तमाम शिकायतो के बाद भी डीडीए कानपूर का प्रभार देख रहे चकरपुर मंडी परिषद सचिव सुभाष सिंह भ्रस्ट्राचार सहित धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अधिकारियो की आँख का तारा बन भ्रस्ट्राचार की गंगा में गोते लगा रहा है , कानपूर के पीड़ितों ने जब मंडी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह से शिकायतों पर कार्यवाही के बावत जानकारी चाहा तो निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने स्पस्ट कहा की हम कोई कार्यवाही नहीं कर पाएंगे , मुकदमा दर्ज करवाने की सलाह किसने दी थी जब मुकदमा दर्ज है तो विभाग क्या कार्यवाही करेगा , वही मंडी परिषद मुख्यालय के आदेश पर उक्त मंडी सचिव की जाँच डीडीए अयोध्या ने किया है जिस जाँच रिपोर्ट को भी विभाग ने पीड़ितों को दिखाने व बताने से इंकार कर दिया जबकि बताया जाता है कि डीडीए अयोध्या की जाँच रिपोर्ट में भ्रस्ट्राचार के आरोपी मंडी सचिव सुभाष सिंह के कृत्यो का खुलासा हुआ है।

सवाल उठाना लाजमी है कि एक तरफ मंडी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह इलाहबाद में तैनात रहे उपनिदेशक (निर्माण) रविंद्र सिंह पर कार्यवाही को लेकर मुखर है तो दूसरी तरफ चकरपुर मंडी परिषद सचिव सुभाष सिंह पर भ्रस्ट्राचार सहित धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी डीडीए कानपूर का प्रभार देकर खुली लूट का छूट क्यों दे रखा है। फिरहाल चकरपुर मंडी परिषद कानपूर में हुए भ्रस्ट्राचार एवं धोखाधड़ी में दर्ज मुकदमे में डीएसपी आकाश पटेल के निर्देश के बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए १ आरोपी को गिरफ्तार कर अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी हेतु दविश दे रही है।

हाशिए पर खड़े इस समाज की आवाज बनकर उनका साथ देने का न्यूज़ अटैक एक प्रयास है. उम्मीद है आप सभी का सहयोग मिलेगा.
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आपके पास शोषित समाज के उत्पीड़न अथवा किसी विभाग में भ्रस्ट्राचार की जानकारी हो तो व्हाटसअप नं. 9454606598 पर भेजें।
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