मंडी सचिव के भ्रस्ट्राचार में मंडी निदेशक भी हिस्सेदार ? - न्यूज़ अटैक इंडिया
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मंडी सचिव के भ्रस्ट्राचार में मंडी निदेशक भी हिस्सेदार ?

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लखनऊ। राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद की स्थापना मण्डी समितियों की विभिन्न गतिविधियों और कल्याणकारी योजनाओं के आयोजन नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए वर्ष 1973 में राज्य स्तर पर की गयी थी किन्तु आज वही मंडी परिषद किसान एवं व्यापारी हितो की बजाय भ्रस्ट्राचार में शामिल अधिकारियो के लिए कल्याणकारी साबित हो रहा है , भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति के तहत सरकार के जिम्मेदार अधिकारियो से लगातार प्रशासन को जिम्मेदार, पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का निर्देश देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के अध्यक्ष है। जिनके नाक के नीचे ही भ्रस्ट्राचारियों के काले साम्राज्य की नीव खड़ी है , प्रदेश को भ्रस्ट्राचार मुक्त होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले मंडी परिषद में ही विभाग के अधिकारियो द्वारा लगातार किए जा रहे भ्रस्ट्राचार से मुख्यमंत्री बेखबर है,जबकि मंडी सचिव के भ्रस्ट्राचार सम्बन्धी तमाम शिकायतों के बाद भी कार्यवाही न होने के कारण मंडी सचिव के भ्रस्ट्राचार में मंडी निदेशक की हिस्सेदारी की बात उठ रही है।

मंडी परिषद के कानपूर स्थित चकरपुर मंडी में तैनात सचिव् सुभाष सिंह भ्रस्ट्राचार की गंगा में गोते लगाते हुए बेखौफ होकर अपना साम्राज्य चला रहा है। सुभाष सिंह के काले करनामो से सम्बंधित भ्रस्ट्राचार की तमाम शिकायते मंडी परिषद् मुख्यालय से लगायत शासन तक हुई किन्तु विभागीय कार्यवाही की बजाय परिषद् के उच्चधिकारियों की दया दृष्टि से उसे वर्तमान में मंडी सचिव के साथ ही डीडीए कानपूर का चार्ज सौप दिया गया ताकि अबैध कमाई के साम्राज्य का विस्तार हो सके।

बताया जाता है कि उक्त मंडी सचिव के भ्रस्ट्राचार के सम्बन्ध में मंत्रियो ने शासन में कार्यवाही हेतु शिकायती पत्र भेजा किन्तु कार्यवाही की बजाय शिकायती पत्र ठन्डे बस्ते में पड़ी है , कानपूर के दो व्यापारियों द्वारा मंडी सचिव के विरुद्ध थाना – सचेंडी, कानपूर नगर में मुकदमा अपराध सं० 214 / 2023 अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 506 आईपीसी व 60 डी एवं मुकदमा अपराध सं० 0078 / 2023 अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 506 आईपीसी व 60 डी. आई०टी० एक्ट दर्ज है , जिस मामले में पुलिस जाँच के साथ ही विभागीय जांच डीडीए फ़ैजाबाद द्वारा की जा रही है ,इसके बाद भी बताया जा रहा है कि मंडी निदेशक अंजनी कुमार सिंह के रहमोकरम पर उक्त मंडी सचिव पर कार्यवाही की बजाय डीडीए कानपूर का चार्ज सौप दिया गया है , जिस पर लगातार भ्रस्ट्राचार के आरोप लग रहे हो , जिसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत होने के साथ ही विभागीय जांच लंबित हो ऐसे व्यक्ति को डीडीए जैसे महत्वपूर्ण पद का चार्ज दिया जाना विभाग के उच्चधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा होना लाजमी है।

जांच अधिकारी डीडीए अयोध्या ने कहा :

मंडी सचिव के ही भ्रस्ट्राचार के मुद्दे पर विभागीय जाँच कर रहे डीडीए अयोध्या अरुण कुमार ने बताया कि जाँच चल रही है , शिकायतकर्ताओं से साक्ष्य संकलित हो गया है , मंडी सचिव से जबाब माँगा गया है किन्तु अभी मंडी सचिव द्वारा जबाब नहीं दिया गया है , लगभग 15 दिनों में जाँच पूरी कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी जाएगी।

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ,विधायक अभिजीत सिंह सांगा एवं सुरेन्द्र मैथानी ने लिखा पत्र :

उपरोक्त मंडी सचिव के विरुद्ध योगी मंत्रिमंडल में शामिल उद्यान ,कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने निदेशक, मण्डी परिषद उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र भेज कर कार्यवाही करने को कहा था ,उन्होंने लिखा था कि विधायक अभिजीत सिंह “सांगा” , विठूर कानपुर के शिकायती पत्र दिनांक 26.06.2022 एवं विधायक सुरेन्द्र मैथानी, गोविन्द नगर कानपुर के शिकायती पत्र दिनॉक 27.06.2022 का अवलोकन करते हुए सुभाष सिंह सचिव एवं राजेश सोनकर,लिपिक मण्डी समिति, कानपुर को अन्यत्र स्थानान्तरित करते हुये जॉच कराए किंतु मंत्री द्वारा भेजे पत्र को एक वर्ष भी ज्यादा हो गया कार्यवाही की बजाय मंडी सचिव उपरोक्त स्थान पर ही कुंडली मारे बैठा है , मंत्री के पत्र के बाद भी कार्यवाही के मुद्दे पर निदेशक अंजनी कुमार सिंह मौन बताए जाते है ।

मंडी सचिव सुभाष सिंह ने अपने भ्रष्टाचारी कुकर्मो को छिपाने के अनेको प्रयत्न करने का प्रयाश करते हुए अधीनस्थ अधिकारियो को कारण बताओ नोटिस जारी कर दोष मढ़ दिया , जिस कारण बताओ नोटिस के बाद अधीनस्थ मंडी निरीक्षक संतोष कुमार यादव ने विंदुवार कारण बताओ नोटिस का जबाब दिया ,पढ़िए नोटिस एवं जबाब –

सचिव महोदय, कृषि उत्पादन मण्डी समिति, कानपुर। कृपया अवगत कराना है कि आपके पत्रांक- कृ०उ०म०स० / 2023-24-139 दिनांक 01.05.2023 के द्वारा कारण बताओ नोटिस प्रार्थी को व्हाट्सअप के माध्यम से दिनांक 01.05.2023 को भेजा गया। जिसमें प्रार्थी पर आरोप लगाया गया है कि नवीन फल-सब्जी मण्डी स्थल, चकरपुर कानपुर में तैनाती के समय कार्यरत मै० – रोहित ट्रेडर्स लाईसेन्स संख्या-1/2022/124/12162034 थोक व्यापारी एवं आढ़ती द्वारा माह अगस्त 2022 से दिसम्बर 2022 तक निर्दिष्ट कृषि उत्पाद आलू प्याल एवं लहसुन का क्रय-विक्रय रू. 13,53,66,600.00 किया गया है परन्तु आप द्वारा देय मण्डी शुल्क एवं विकास सेस की धनराशि रू.19,72,830.00 की वसूली नहीं की गयी है। जिससे मण्डी समिति को आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है एवं आपके द्वारा फर्म के कृषि उपज पारेषण उक्त अवधि में नियमित गेटपास बिना मण्डी शुल्क वसूली के किन परिस्थितियों में जारी किये जाते रहे है तथा समयान्तर्गत कार्यालय को अवगत भी नहीं कराया गया न ही फर्म के विरूद्ध कार्यवाही की गयी। जिससे फर्म की कार्य-प्रणाली में आपकी संलिप्तता स्पष्ट प्रतीत होती है।

उन्होंने लिखा कि सेक्टर प्रभारी द्वारा इस सम्बन्ध में जब आपको व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया गया तो आप द्वारा कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया गया और इसके बाद भी आपके द्वारा फर्म पर कोई कार्यवाहीं नहीं की गयी और न ही फर्म को बन्द किया गया जबकि महोदय आपके पास मण्डी समिति के सारे अधिकार निहित है। आपके द्वारा ही प्रतिमाह फर्मवार डिमाण्ड निकालकर समस्त सेक्टर प्रभारियों को दी जाती रही है। 2 – शुल्क से सम्बन्धित सभी फर्मों के बारे में समीक्षा भी की जाती रही है। समीक्षा मीटिंग के दौरान भी आपको सेक्टर प्रभारी द्वारा अवगत कराया गया है कि फर्म बिना नवीनीकरण के कार्य कर रही है ,लेकिन इसके बाद भी आपके द्वारा फर्म मै० – रोहित ट्रेडर्स पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाहीं न किया जाना प्रार्थी के समझ से परे है। जबकि प्रार्थी के संज्ञान में आया है कि आपकी अनुमति के क्रम में कई फर्मों द्वारा लगभग 11 से 12 लाख रूपया जमा कराया गया है । परन्तु आप द्वारा कारण बताओ नोटिस में रू.19,72,830.00 को जमा नही कराये जाने का उल्लेख किया गया है। जोकि विरोधाभाष का सूचक है एवं प्रार्थी को द्वेष भावना से प्रार्थी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अतएव उक्त के आधार  पर प्रार्थी के ऊपर लगाये गये समस्त आरोप मिथ्या एवं निराधार है।

भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब चुके मंडी सचिव सुभाष सिंह के कार्यकाल में करोड़ो का भ्रस्ट्राचार होने के बाद हुई शिकायतों पर कार्यवाही की घबराहट में लगातार अधीनस्थ अधिकारियो को फर्जी आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया किन्तु ” साँच को आंच नहीं ” की कहावत सही सावित हुआ , कारण बताओ नोटिस का जबाब देते हुए अधीनस्थ अधिकारियो ने इनके काले कारनामो को उजागर कर दिया।

मंडी सचिव के भ्रस्ट्राचार में हिस्सेदार कौन ?

करोडो के फर्जीवाड़े एवं दस्तबेजो में खड्यंत्र के आरोपी मंडी सचिव लगातार बेखौफ होकर फर्जीवाड़े का साम्राजय चला रहा है किन्तु विभाग कार्यवाही की बजाय डीडीए का चार्ज भी सौप कर घृतरास्ट्र बना हुआ है , मंडी परिषद में चर्चा सरेआम है कि मंडी निदेशक की भूमिका संदेह के घेरे में है , मंडी सचिव सुभाष सिंह के काली तिजोरी का हिस्सा मुख्यालय में तैनात सुभाष सिंह के सरपरस्त आकाओ को भी पहुँचता है जिस कारण मुख्यालय स्तर पर शिकायते ठन्डे बस्ते में है।

उत्तर प्रदेश मंडी परिषद् में भ्रस्ट्राचार गहरी जड़े जमा चुका है , भ्रस्ट्राचार के बड़े – बड़े खुलासे हुए है किन्तु दोषियों की अकूत कमाई में हिस्सेदारी कर मुख्यालय के अधिकारी येन केन प्रकारेण दोषियों को बचाने के प्रयाश में लींन है। “न्यूज़ अटैक” उत्तर प्रदेश मंडी परिषद् के कई मंडलो में हुए भ्रस्ट्राचार की पड़ताल कर रहा है , जल्द ही खबरों का सिलसिला चालू होगा।

( इस सम्बन्ध में अथवा मंडी परिषद से सम्बंधित अन्य क्षेत्रो के सम्बन्ध में आपके पास जानकारी हो तो व्हाट्सअप 7007323649 अथवा ईमेल [email protected] पर भेंजे )

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