लखनऊ. उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी में एक बार फिर से सियासी संकट गहराने लगा है, कौमी एकता दल के विलय से शुरू हुई ये महाभारत आज टिकट वितरण पर पहुँच गयी है.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधायको की बैठक करने के उपरान्त पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से अकेले ही उनके आवास पर मिले ,क्या बात हुई इसकी भनक तो नहीं लगी पर इस बीच चाचा –भतीजे की जंग ने नया रंग ले लिया है ,सूत्रों का दावा है की मुख्यमंत्री अपने आवास पर समर्थको की बैठक कर रहे है जिस बैठक से इस बात की चर्चा सामने आई है की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता के बिरुद्ध बगावत करने का मन बनाते हुए प्रत्याशियों की एक नई लिस्ट जारी कर सकते है .टिकट बितरण से नाराज अखिलेश ले सकते है बड़ा फैसला
सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव ने अपने बगावती तेवर दिखाते हुए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की नई सूची जारी कर दी है.उक्त लिस्ट के अनुसार प्रत्याशी अपने-अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे.
आज की बैठक में अखिलेश समर्थक मंत्रियों, विधायकों और नेताओं ने एक स्वर में कहा, अखिलेश जी! जनता, पार्टी , कार्यकर्ता, समर्थक सब आपके साथ हैं. ऐसे में आप निर्णय लीजिए. पार्टी से बर्खास्त एमएलसी अखिलेश के कट्टर समर्थक उदयवीर ने तो रामायण के एक दोहा से अखिलेश का मनोबल बढ़ाया. उन्होंने कहा- ‘का चुप साधि रहा बलवाना.और बढ़ सकती है शिवपाल-अखिलेश की जंग?
सूत्रों के मुताबिक बैठक में ही सपा सरकार में मंत्री और अखिलेश के करीबी अरविंद सिंह गोप ने उनसे अपना दर्द बंया करते हुए कहा कि मेरा टिकट अमर सिंह ने ही कटवाया है. बेनी प्रसाद वर्मा मेरी जगह अपने बेटे को टिकट दिलाना चाहते थे.उन्होंने शिवपाल के साथ मुझे बाहर करवाया है. गोप ने गत चुनाव में नेता जी की बात का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने मुझसे कहा था कि बाराबंकी की सभी सीटों को जीत कर लाओ, मुझे बेनी को मजा चखाना है और मैंने ऐसा किया भी अब मैं क्या मुँह लेकर वापस जाऊँ. जनता मुझे माफ नहीं करेगी.इस पर अखिलेश ने उन्हे दिलासा देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होगा.
टिकट न पाने से आहत विधायक राम गोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री से बैठक में बोला, मुलायम सिंह की मांग पर मुझे चन्द्रशेखर जी ने सजपा छोड़कर सपा में जाने को कहा था. आज तक मैंने न मुलायम सिंह से कभी टिकट माँगा और न मंत्रालय की डिमांड की, उन्होंने कल मेरे जैसे व्यक्ति का टिकट काट दिया.
चाचा –भतीजे की लड़ाई में कोप भाजन का शिकार बन चुके रास्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि पार्टी में कोई घमासान नहीं है.अखिलेश यादव की भूमिका मुख्यमंत्री की ही रहेगी.
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