छात्र नेता कन्हैया कुमार ने नागपुर में गुरुवार को कहा कि समाज के कई तबके ‘‘भय के माहौल’’ में रह रहे हैं और मौजूदा परिदृश्य में पतंजलि ब्रांड का फेस वाश नहीं लगाने के लिए भी किसी को ‘‘राष्ट्रविरोधी’’ ठहराया जा सकता है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कुमार ने कहा, ‘‘देश में अभी भय का ऐसा माहौल है कि अगर आप पतंजलि का फेस वाश इस्तेमाल नहीं करते तो आप राष्ट्रविरोधी कहे जाएंगे।’’
उल्लेखनीय है कि पतंजलि आयुर्वेद कंपनी योगगुरू बाबा रामदेव द्वारा शुरू की गई एफएमसीजी कंपनी है। वह डॉ. बीआर आंबेडकर की जयंती के एक दिन पहले अपनी हिंदी किताब के मराठी संस्करण ‘‘बिहार से तिहाड़’’ का विमोचन कर रहे थे। कुमार ने कहा कि बाबासाहब ने ऐसा संविधान तैयार किया कि इसमें समाज के हर सदस्य को कई प्रकार से आजादी मुहैया कराई गई है। लेकिन संविधान में निहित आजादी समाज के एक बड़े हिस्से को नहीं मिल सकी है।
उन्होंने दावा किया कि मौजूदा परिदृश्य में, ‘‘गरीब, दलित, महिलाएं, आदिवासी, पिछडे वर्ग, अल्पसंख्यक और यहां तक कि बुद्धिजीवी सहित समाज के विभिन्न तबके भय में रहते हैं।’’ कुमार ने कहा कि हाल ही में फीस में वृद्धि का विरोध करने पर पंजाब विश्वविद्यालय के 68 छात्रों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘देश का मौजूदा परिदृश्य ऐसा है कि अगर आप फीस में कमी किए जाने की मांग करते हैं तो आपको राष्ट्रविरोधी ठहरा दिया जाएगा।’’ इसपर कुछ आलोचकों का कहना है कि कन्हैया एक बार फिर से देश के युवाओं को उकसा रहे हैं।
सनद रहे कि इससे पहले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र कन्हैया कुमार ने मंगलवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शन में उन्होंने ‘अहिंसा’ की मांग की। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने ‘गो बैक कन्हैया’ के नारे लगाए। कन्हैया कुमार देशद्रोह के मामले में अभी जमानत पर रिहा हैं। बता दें, 12 फरवरी को रामजस कॉलेज में हुए हिंसक झड़प के विरोध में एबीवीपी के खिलाफ दिल्ली की कई यूनिवर्सिटीज के छात्रों और अध्यपकों ने मार्च प्रदर्शन किया। 22 फरवरी को हिंसक झड़प जेएनयू छात्र उमर खालिद और शेहला राशिद के सेमिनार के रद्द किए जाने की वजह से हुई थीं।
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