लखनऊ .उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान गजब-गजब के कारनामें कौतूहल पैदा कर रहे है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अर्थी बाबा चुनावी मैदान में हैं तो वाराणसी में एक ‘मुर्दे’ ने भी इस चुनाव में ताल ठोक चुनौती देने का मन बना लिया है.
सरकारी कागजों में मृत घोषित संतोष मूरत सिंह ने वाराणसी के शिवपुर विधानसभा सीट से बुधवार को नामांकन किया. संतोष विकास या किसी दूसरे मुद्दे के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे बल्कि वे खुद को जिंदा साबित करने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
संतोष जब अपने गले में ‘जिंदा हूं मैं’ की तख्ती लटकाए नामांकन करने पहुंचे तो अधिकारी समेत वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए. संतोष का कहना है कि वे ज़िंदा हैं यह साबित कर सकें इस लिए चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
सरकारी कागजो में मृत संतोष अपने जिंदा होने की लडाई पिछले नौ साल से लड़ रहे हैं लेकिन सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित ये युवक अभी तक जिंदा नहीं हो पाया है.
चौबेपुर के छितौनी गांव निवासी संतोष बताते हैं कि माता-पिता की बचपन में ही मृत्यु हो जाने के बाद वे मुंबई चले गए. इस बीच उनकी गांव में 22 बीघे जमीन पर बुरी नियत रखने वाले पड़ोसियों ने सरकारी बाबुओं से मिलकर कर उन्हें मृत घोषित करा दिया और उनकी जमीन हड़प ली.
संतोष ने बताया कि उसके अपनों ने ही मुंबई बम ब्लास्ट में उसे मरा हुआ दिखाकर तेरहवी भी कर दी और उसके जमीन पर कब्ज़ा कर लिया. इतना ही नहीं विरोधियों ने उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया.
संतोष इससे पहले भी चुनाव में नामांकन कर चुके हैं लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया था. लेकिन एक बार फिर संतोष वाराणसी के शिवपुर से नामांकन किया है. अगर नामांकन वैध साबित हुआ तो इनके जिंदा होने का प्रमाण शासन को देना पड़ेगा.