उलझे व बेहाल मुख्यमंत्री की बदहाल विकास रथयात्रा-मायावती - न्यूज़ अटैक इंडिया
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उलझे व बेहाल मुख्यमंत्री की बदहाल विकास रथयात्रा-मायावती

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सपा परिवार व सपा सरकार के आपसी झगड़े से 2 जून 1995 की लखनऊ स्टेट गेस्ट हाऊस काण्ड की याद भी ताज़ा हो जाती है जब तत्कालीन सपा सरकार से बी.एस.पी. द्वारा समर्थन वापस लेने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के क़रीबी लोग हमारे ख़ून के प्यासे बन गये थे और जानलेवा हमला किया था

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो  पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने वर्तमान सपा सरकार के मुखिया द्वारा आज से शुरू की गयी रथयात्रा को सपा परिवार के विवादित एवं सपा सरकार के उलझे व बेहाल मुख्यमंत्री की ‘‘बदहाल विकास रथयात्रा’’ करार दिया. उन्होंने कहा कि इस यात्रा में क्षेत्र के युवक नहीं बल्कि प्रदेश के अधिकतर आपराधिक मानसिकता वाले वे सपाई हैं जिन्होंने पिछले साढ़े चार वर्षों से प्रदेश को भ्रष्टाचार व जंगलराज में झोंक रखा है.मायावती ने कहा कि यात्रा के नाम पर आये लोगों ने मुख्यमंत्री आवास तक को नहीं बख़्शा. वहाँ भी आपस में गाली-गलौज व मारपीट की गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान सपा सरकार के मुखिया की आज की रथयात्रा में ज़्यादातर वही लोग नज़र आये जिन्होंने सपा परिवार व सपा सरकार में वर्चस्व की लड़ाई के लिये जारी गृहयुद्ध के घमासान में हर प्रकार की दबंगई, गुण्डई व हुड़दंगबाजी करते हुये सपा कार्यालय आदि तक में नज़र आये थे, जिनमें से अनेक पर स्वयं उनकी पार्टी द्वारा अनुशासनिक कार्रवाई तक की गयी है. इन्हीं में से वे लोग भी शामिल थे जिन्होंने मुख्यमंत्री के सरकारी निवास की मर्यादा को भी ताक़ पर रखकर वहीं आपस में मारपीट की तथा उसे सपा के आपसी झगड़े का अखाड़ा बना दिया. आज भी दोनों गुट के लोग आपस में भिड़े और पोस्टर, बैनर आदि फाड़े गये.

सुश्री मायावती ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रदेश की आम जनता को भ्रमित नहीं होना चाहिये. ऐसी बिगड़ैल सरकार से प्रदेश का ना कोई भला हुआ और ना ही इससे कोई अच्छी उम्मीद ही करनी चाहिये. उन्होंने कहा कि सपा परिवार व सपा सरकार के आपसी झगड़े से 2 जून 1995 की लखनऊ स्टेट गेस्ट हाऊस काण्ड की याद भी ताज़ा हो जाती है जब तत्कालीन सपा सरकार से बी.एस.पी. द्वारा समर्थन वापस लेने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के क़रीबी लोग हमारे ख़ून के प्यासे बन गये थे और जानलेवा हमला किया था. ऐसी स्थिति में ऐसा लगता है कि बाप – बेटे की सपा सरकार की मानसिकता एक जैसी है तथा अपने विरोधियों से हिंसक रूप से निपटने के मामले में दोनों में कोई ख़ास ज़्यादा अन्तर नहीं है.

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सुश्री मायावती ने कहा कि यह भी साबित है कि हिंसा करने वाले लोगों के खि़लाफ ना तो तब मुलायम सिंह यादव ने कोई कार्रवाई की और ना ही अब उनके पुत्र सपा के वर्तमान मुख्यमंत्री ने ही वैसे आपराधिक स्वभाव व कृत्य करने वाले मंत्री आदि पर कोई कार्रवाई की है, बल्कि इस सम्बंध में प्रदेश पार्टी प्रमुख का स्पष्ट निर्देशों की भी अवज्ञा करने पर उतारू हैं. यह पूर्ण जंगलराज की बदतरीन मिसाल है, फिर भी प्रदेश के राज्यपाल कहते हैं कि प्रदेश में संवैधानिक संकट नहीं है और राज्यपाल की इस टिप्पणी पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तक खामोश है. यह भी सपा-भाजपा की आपसी मिलीभगत का ही एक दुष्परिणाम है.

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