लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव में सपा सरकार द्वारा नियुक्त राज्य के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव गृह को पोलिंग से 36 घंटे पूर्व तक न हटाने के कारण लखनऊ में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को फजीहत उठानी पड़ी. पत्रकारों ने जैदी को यहाँ तक कह दिया कि इसी पद पर रह कर टीएन शेषन ने एक गरिमा स्थापित किया था, लेकिन आप के काम-काज का तरीके से उस छवि को धक्का लगा है.इसके पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को परखने लखनऊ पहुंचे मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा था कि उप्र में स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव कराना आयोग की पहली प्राथमिकता है.
मुख्य चुनाव आयुक्त जैदी ने यह भी स्पष्ट किया है कि आयोग की नजर उन अधिकारियों पर भी है, जिनके रिश्तेदार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि कई राजनैतिक दलों ने आरोप लगाया है कि सपा सरकार द्वारा नियुक्त पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद और प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा को हटाये बिना प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता तो आप अब तक उसका संज्ञान क्यों नहीं लिए तो उन्होंने कहा कि यह मामला आयोग के संज्ञान में है.समय आने पर उसपर कार्रवाई की जायेगी.एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कैराना से विस्थापित हुये लोग यदि अपने घर वापस आकर वोट देना चाहते हैं तो उनको पूरी सुरक्षा दी जायेगी.
जैदी ने बताया कि राजनीतिक दलों की शिकायत पर जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को अपने अपने क्षेत्रों में सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि कई शिकायतें मिली हैं कि बाहुबली लोग चुनाव प्रभावित कर सकते हैं.ऐसे तत्वों पर विशेष निगाह रखने का निर्देश दिया गया है.शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिये गये हैं कि अवैध शराब की बिक्री को लेकर खासतौर से निगरानी रखने की जरूरत है। इसके लिये भारत-नेपाल सीमा पर चौकी स्थापित कर विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है.
सोशल साइटों पर उत्तेजनात्मक बयानों को रोकने को लेकर जैदी ने कहा कि आयोग की तरफ से सोशल साइट पर आने वाले गैर जरूरी और उत्तेजनात्क बयानों को लेकर एक वाटसएप नम्बर जारी किया जायेगा। इस नम्बर पर लोग अपनी शिकायत कर सकते हैं. आयोग के संज्ञान में आने के बाद उसपर कार्रवाई की जायेगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति पांच बजे तक कतार में खड़ा हो जाता है तो उसे हर हाल में मतदान करने की अनुमति दी जायेगी.अगर जरूरत पड़ी तो निर्वाचन अधिकारी देर तक वहां रूकेंगे.
जैदी ने कहा कि आयोग ने उप्र में 2 लाख दिव्यांगों को चिन्हित किया है. उनके मतदान को लेकर आयोग ने विशेष व्यवस्था की गई है. ऐसे लोगों के लिये आयोग ने वालेटिंयर तैयार कर रखे हैं, जो इन्हें मतदान स्थल तक लेकर जायेंगे. इससे वे लोग आसानी से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. मतदाताओं की सुविधा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है.