लखनऊ.समाजवादी पार्टी से गठबंधन होते ही प्रदेश की सत्ता से 5 दशक पहले गायब हो चुकी कांग्रेस ने अपने 41 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी में दलबदलू नेताओ को तरजीह देते हुए जारी की. इस सूची में प्रदेश कांग्रेस के दिग्गजों के चहेतों और दागियों को तरजीह दी गई है.कांग्रेस ने अपने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को भी चुनावी मैदान में उतार कर दाव पर लगा दिया है . कांग्रेस की पहले सूची में प्रथम और द्वितीय चरण की उन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए जहां पिछले चुनाव में वह पहले या दूसरे स्थान पर थी.कांग्रेस हाईकमान ने माहौल पक्ष में बनाने के लिए शाहजहांपुर जिले की तिलहर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को मैदान में उतार दिया.
कांग्रेस के इस कदम के बारे में लोगों का मानना है कि जितिन को आने वाले दिनों में प्रदेश में कांग्रेस अपना चेहरा भी बना सकती है. सहारनपुर में इमरान मसूद की मर्जी को स्वीकार कर प्रत्याशी उतारने की छूट देकर सियासी कद में इजाफा भी किया है. इमरान खुद नकुड़ सीट पर चुनाव लडेंगे, लेकिन बेहट से नरेश सैनी की उम्मीदवारी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. देवबंद सीट पर उप चुनाव में विजयी रहे माविया अली का कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी के निशान पर चुनाव मैदान में उतरने को मसूद खेमे को झटका माना जा रहा है. बड़े नेताओं की पसंद होने के कारण लगातार चुनाव हार रहे रमेश धींगड़ा को मेरठ छावनी का टिकट दुबारा देने से कार्यकर्ता हैरान परेसान हैं. मेरठ दक्षिण से मोहम्मद आजाद सैफी की उम्मीदवारी और पार्टी प्रोग्रामों से किनारा किए रहने वाले समीर भाटी को टिकट मिलना भी चर्चाओं में है. बाहरी नेताओं को टिकट थमाने में भी कांग्रेस ने कोई तंगदिली नहीं दिखाई. विवादों में घिरे होने के कारण सपा से टिकट गवां चुके कुलदीप उज्ज्वल को कांग्रेस में रातोंरात शामिल करा देने व बागपत से उम्मीदवार घोषित करने से स्थानीय कार्यकर्ताओं में आक्रोश की ज्वलामुखी फूटने को तैयार है. एक सप्ताह पहले बसपा से टिकट कटने के बाद कांग्रेस में शामिल साहिबाबाद के अमरपाल शर्मा को भी आते ही टिकट थमा दिया गया. आगरा दक्षिण में नजीर अहमद के समर्थकों में कांग्रेस का टिकट मिलने से हैरानी है. बसपा से हाल में आए अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू को भी उम्मीदवार बना दिया गया तो लोनी में शेर नबी चमन और शिकारपुर में उदयकरन दलाल जैसे नए चेहरों पर दांव लगाया गया है.
कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता नेतृत्व के इस टिकट बितरण से नाखुश है और चुनावी मैदान में अपने ही प्रत्याशियों के खिलाफ बगावती मूड बनाकर बैठे है.जिस कारण इस चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है.