दलित नाबालिग युवती से थानेदार ने किया बलात्कार - न्यूज़ अटैक इंडिया
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दलित नाबालिग युवती से थानेदार ने किया बलात्कार

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नई दिल्ली. मौजूदा केंद्र सरकार आए दिन दलित विरोधी नीतियों के चलते सुर्खियों में रही है. चाहे रोहित वेमुला आत्महत्या का मामला हो या गुजरात के दलितों के प्रताड़ित करने का मामला. हर बार सरकार ने मसले को धुंधला करने की कोशिश की जिसे मीडिया ने काफी हद तक सफल बनाया.जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा गठबंधन सत्ता में है, जहां एक नौवीं कक्षा की दलित लड़की से थाने में थानेदार बलात्कार करता है लेकिन सरकार इस मुद्दे को दबाने में लगी है.

बलात्कार के बाद पीड़ित युवती ने इसकी शिकायत जिला पुलिस प्रमुख एसएसपी जम्मू से भी की, लेकिन आरोपी पुलिस अधिकारी, जिसका एक भाई, जम्मू-कश्मीर विधान परिषद का सदस्य एमएलसी है, के दबाब के चलते उस पर कोई कारबाई नहीं की गई व शिकायत को रफा-दफा कर दिया गया. उसके बाद युवती ने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके चलते, उसकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, कोर्ट ने आरोपी थानेदार के खिलाफ दफा 354-ए के तहत सम्मन जारी किये, वहीं कार्रवाई के दौरान कोर्ट ने पीड़ित लड़की के बयान भी दर्ज किये.

लगातार धमकियां मिलने पर लड़की ने प्रेस कांफ्रेंस कर सारी आपबीति पत्रकारों के सामने रखी और आरोप लगाया कि आए दिन आरोपी थानेदार विजय सिहं चौधरी उसके घर में कुछ अज्ञात लोंगो व पुलिस कर्मियों को भेजता है, जो उसे पैसा लेकर मुंह बंद करने के लिए धमकाते हैं. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि जिन लोंगो को आरोपी थानेदार उसके घर भेजता है, वह उसे यह भी धमकी देते हैं कि अगर उसने अपना मुंह बंद नही किया तो उसे जान से मार दिया जाएगा.

पीडित लडकी ने आरोप लगाया कि दबंग थानेदार ने उसे तब अपनी हवस का शिकार बनाया जब वो अपनी मां को खाना देने के लिए पूलिस थाने में गई थी। जोकि उस समय थाने में किसी मामले में बंद थी. थानेदार ने मामले को रफा-दफा करने के लिए मोटी रकम मांगी. जब परिवार पैसा न दे पाया तो थानेदार ने मौके का फायदा उठाते हुए लड़की को अपने कमरे में बुलाया और वहां पर उसके साथ जबरन बलात्कार किया.

लड़की ने यह भी आरोप लगाया कि जब दबंग पुलिस अफसर उसको हवस का शिकार बना रहा था तो उसका एक सहकर्मी भी वहां मौजूद था. लड़की के शिकायत करने पर भी जिला पुलिस अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके चलते मजबूरन नाबालिग ने मीडिया के सामने 27 फरवरी को अपनी आपबीति बताई. पुलिस अधिकारी का भाई पीडीपी का लीडर होने के साथ जम्मू कश्मीर विधान परिषद का सदस्य भी है, जिसके चलते पुलिस इस सारे मामले से किनारा कर रही है. और अभी तक इस मामले में कोई भी जांच नहीं हो पाई है.

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