नीतीश के शराब बंदी फैसले को मिला सुप्रीम कोर्ट का बल - न्यूज़ अटैक इंडिया
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नीतीश के शराब बंदी फैसले को मिला सुप्रीम कोर्ट का बल

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पटना.बिहार सरकार ने जब शराब बंदी की घोषणा की तो सम्पूर्ण बिपक्ष ने काफी हो हल्ला मचा कर शराब बंदी को वापस लेने की मुहीम चलाई थी.शराब बंदी की मुहीम हेतु अटल नीतीश कुमार ने आख़िरकार शराब बंदी क़ानून लागु कर ही चैन लिया था . अब सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से बिहार सरकार की शराब बंदी को और बल मिल गया सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे करीब पांच सौ मीटर दूर तक शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला सुनाया है . सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश के सभी नेशनल हाईबे के किनारे करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की पीठ ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है. अदालत ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और राजमार्गों पर शराब की दुकानों को बंद करवाने के लिए अगले पांच अप्रैल तक की समय सीमा भी निर्धारित की है. आदेश में कहा गया है कि इन शराब की दुकानों के लाइसेंस को एक अप्रैल के बाद रिन्युअल नहीं किया जायेगा.



सुप्रीम कोर्ट की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे शराब की बिक्री पर रोक लगाने के फैसले का बिहार के जदयू और राजद नेताओं ने सराहना भी की है. मुख्य रूप से जदयू के नेताओं ने इस फैसले से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर सुप्रीम कोर्ट का कानूनी सपोर्ट बताया है. इस फैसले से बिहार में शराबबंदी को और ताकत मिलने की बात कही जा रही है.
जदयू के राष्ट्रीय सचिव रविन्द्र प्रसाद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार में शराबबंदी का एतिहासिक फैसला लिया था और तमाम विरोध बावजूद हम आज भी अपने फैसले पर डटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुहिम अब सामने आ रही है. हम इस फैसले से बहुत ही खुश हैं.

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