पतंग उत्सव के बाद कट गयी 30 के जीवन की डोर, - न्यूज़ अटैक इंडिया
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पतंग उत्सव के बाद कट गयी 30 के जीवन की डोर,

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पटना. पतंग उत्सव में शामिल होकर सोनपुर थाने के सबलपुर दियारा से पटना के एनआइटी घाट  के लिए आ रही पर्यटकों से खचाखच भरी दो नावें शनिवार शाम गंगा नदी कोख में समा गयीं. इसमें लगभग  तीस लोगों की मौत की आशंका जतायी जा रही है. देर रात तक गोताखारों की मदद से 21 शवों को नदी से बाहर निकाल लिया गया था, जबकि अभी नौ से दस लोगों के शव गंगा में होने की आशंका है. मरनेवालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. रोशनी की कमी की वजह से देर रात रेस्क्यू का काम रोक दिया गया. सुबह से रेस्क्यू फिर शुरू हो गई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक जताया है.

 

हादसे से आहात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा दियारा में नाव डूबने की घटना पर गहरा दुख  व्यक्त किया है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attackएवं  जिला प्रशासन को घायलों के समुचित इलाज के लिए त्वरित कार्रवाई करने का  निर्देश दिया है.  इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के  प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के डीआइजी  शालीन एवं डीएम संजय कुमार अग्रवाल को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने और इस पूरे प्रकरण की  संयुक्त रूप से जांच करने का निर्देश दिया है.मुख्यमंत्री ने उक्त  पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह भी देखेंगे कि क्या आयोजन था और  इसके लिए आयोजक द्वारा क्या समुचित व्यवस्था की गयी थी.  मुख्यमंत्री  ने जिला प्रशासन को सभी मृतकों के आश्रितों को अविलंब चार-चार लाख अनुग्रह राशि उपलब्ध  कराने का निर्देश भी दिया .मुख्यमंत्री देर रात तक घटना और राहत व बचाव कार्य की  पल-पल की जानकारी लेते रहे.

गांधी सेतु के जीर्णोद्धार की शुरुआत आज टली

मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार के अनुरोध पर रविवार को महात्मा गांधी सेतु के जीर्णोद्धार  कार्य आरंभ करने का समारोह स्थगित कर दिया गया . मुख्यमंत्री ने शनिवार की  देर रात केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को फोन पर नाव  दुर्घटना की जानकारी दी. उन्होंने रविवार को हाजीपुर की ओर से महात्मा  गांधी सेतु के मरम्मत कार्य को फिलहाल शुरू करने को टाल देने का अनुरोध  किया. मुख्यमंत्री के अनुरोध पर कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है. एनएच  और पथ निर्माण विभाग के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने भी नाव दुर्घटना में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना  प्रकट की है.

बताया  जाता है कि नाव के घाट से चलने के मात्र 10 मीटर आगे बढ़ने के बाद यह  हादसा हुआ. क्षमता से तीन गुना लोगों के सवार होने के कारण नाव जैसे ही  कुछ दूर आगे बढ़ी, वैसे ही पहले नाव थोड़ी सी पलटी और फिर  सीधा होने के बाद गंगा नदी के तलहटी में धंस गयी. इस दौरान उसमें सवार करीब 60 युवक,  महिलाएं, बच्चे सभी डूबने लगे. इसी बीच पर्यटन विभाग की एक स्टीमर गांधी  घाट से सबलपुर दियारा घाट की ओर आ रही थी.
स्टीमर जैसे ही पहुंची, नाव डूबने लगी. नांव को डूबते देख स्टीमर में सवार लोगों ने तुरंत  ही लाइफ बैलून को उन लोगों की ओर फेंकना शुरू कर दिया. 30 लोगों को किसी  तरह स्थानीय लोगों व पर्यटन विभाग के कर्मचारियों  ने काफी मशक्कत के बाद बचा लिया. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, डीआइजी सेंट्रल शालीन, जिलाधिकारी संजय कुमार न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack
न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attackअग्रवाल, एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी मध्य चंदन कुमार कुशवाहा, सोनपुर एसडीओ मदन प्रसाद व अन्य अधिकारी पहुंच गये.

गमजदा परिजनों की ओर से हंगामा होने की आशंका के मद्देनजर पूरे अशोक राजपथ इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया.  गांधी घाट, पीएमसीएच परिसर, कारगिल चौक व अशोक राजपथ पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी. बरामद शव को पीएमसीएच के शवगृह में रखा गया है. जबकि गंगा में डूबे सात लोगों का इलाज पीएमसीएच के इमरजेंसी में किया जा रहा है. कुछ लोगों की हालत ठीक थी तो वे अपने घर को निकल गये.  आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी है कि शव को  निकालने का काम किया जा रहा है और सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा की राशि प्रदान की जायेगी.

जिस नाव में लोग सवार हुए थे, उसमें पहले से ही साग लदा हुआ था. कुछ लोगों ने बताया कि वे लोग साग लदी नाव में जबरन सवार हो गये. इसके कारण नाव पूरी तरह ओवरलोडेड हो गयी. लोकल गोताखोरों की काफी मशक्कत के बाद दस बजे रात तक 21 लोगों के शव को बाहर निकाल लिया गया. घटना होने की सूचना मिलने पर सबसे पहले सिटी एसपी मध्य  चंदन कुमार कुशवाहा दल-बल के साथ वहां पहुंचे और लोकल गोताखोरों को बुलाया गया और फिर शव को बाहर निकालने का काम सात बजे शाम में शुरू कर दिया गया था.

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