लखनऊ .उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार अभियान आज शाम पांच बजे थम गया. 27 फरवरी को प्रदेश के 11 जिलों की 52 सीटों पर मतदान होना है. पांचवे चरण में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी और राम का नाम का लेकर सियासत को गर्माने वाली भाजपा पर भी अयोध्या सीट पर कब्जे का भी दबाव होगा.
पांचवे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तमाम नेताओं ने रैलियों को संबोधित कर अपने –अपने पक्ष में वोट करने की अपील किया. गोंडा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि स्विस बैंक में पैसा पड़ा है लेकिन मोदी सरकार एक भी पैसा नहीं ला सकी और अब कर्ज माफी का लालच दे देकर गुमराह करने का काम कर रही है.
वही बसपा सुप्रीमो मायावती ने देवरिया में सभा कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार जम कर शब्द वाण चलाए तो सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सिद्धार्थनगर में जनसभा कर भाजपा और बसपा को निशाने पर लिया .उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जिस गठबंधन के भरोसे उप्र में 300 से अधिक सीट जीतने का दावा कर रहे हैं, उसमें सबसे चर्चित सीट अमेठी और अयोध्या भी हैं. अमेठी से खुद उनके दागदार और दुष्कर्म के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति चुनाव मैदान में हैं.खनन घोटाले को लेकर विपक्ष के लगातार निशाने पर रहे गायत्री पर अंतिम दौर में सर्वोच्च न्यायालय का डंडा भी चला और पुलिस को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करनी पड़ी,इतना ही नहीं एक बलात्कार पीडिता को भी उत्तर प्रदेश पुलिस से भरोषा उठने के बाद उसे सुप्रीमकोर्ट में दरकार लगानी पड़ी फिर गायत्री के बिरुद्ध बलात्कार का मुकदमा दर्ज हो पाया यही वजह रही कि गायत्री प्रजापति के प्रचार हेतु सभा में पहुंचने के बाद भी मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने मुह से उनका नाम नहीं लिया और गायत्री मंच से नीचे रहे.
वही कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय सिंह की दोनों पत्नियां गायत्री का रास्ता रोकने के लिए खड़ी हैं. संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह भाजपा के टिकट पर तो दूसरी पत्नी अमिता सिंह गठबंधन को दरकिनार करते हुये कांग्रेस से चुनाव लड़ रही हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में अमेठी की पांच विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा था.इसके चलते राहुल गांधी पर भी अमेठी में गठबंधन को जीत दिलाने का दबाव बढ़ गया है.
अमेठी सीट से भाजपा की उम्मीदवार गरिमा सिंह ने मीडिया से कहा कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन महज दिखावा है. यहां पर इस बार राहुल और अखिलेश दोनों को उनकी हैसियत का अंदाजा लग जाएगा. दुष्कर्म के आरोपी प्रत्याशी को यहां की जनता किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी.
राम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा के लिए भी यह चरण प्रतिष्ठा का चरण है . रामनगरी अयोध्या पर समाजवादी पार्टी के नेता व मंत्री पवन पांडेय का कब्जा है. पवन इस सीट को भाजपा से 21 साल बाद छीनने में सफल रहे थे. अखिलेश ने एक बार फिर उन्हीं पर दांव लगाया है. सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि पहली बार 1980 के बाद किसी पार्टी ने यहां से मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है. बसपा ने यहां से बज्मी सिद्दीकी को टिकट दिया है. बज्मी कहते हैं अयोध्या ऐसी सीट है जिसे लेकर विरोधी हमेशा से ही सियासत करते रहे हैं. यहां पर गंगा-जमुनी तहजीब को खत्म करने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.बहन जी के शासनकाल में यहां हिंदू और मुसलमान दोनों को पूरी सुरक्षा मिलती है.इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी से यह सीट झटकने हेतु भाजपा हर हथकंडे अपना रही है ,अगर इस सीट पे भाजपा कामयाब नहीं होती है तो देश में इस सीट से भाजपा हेतु अच्छा सन्देश नहीं जायेगा.
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