बसपा सुप्रीमो मायावती पर धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगने के आरोप पर हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दिए कार्यवाही के निर्देश - न्यूज़ अटैक इंडिया
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बसपा सुप्रीमो मायावती पर धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगने के आरोप पर हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दिए कार्यवाही के निर्देश

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लखनऊ.हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगने के आरोप में निर्वाचन आयोग को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से से यह भी कहा कि अगर इस तरह की शि‍कायतें पेंडिंग हैं तो कानूनी रूप से इस बात की पूरी जांच कर लें कि लगाए गए आरोप सुप्रीम कोर्ट के फैसले से रिलेटेड हैं या नहीं.
बसपा सुप्रीमो मायावती बसपा के प्रत्याशियो की लिस्टस जारी करते हुए प्रेस वार्ता में मुस्लिमों समाज से भाजपा के खिलाफ बसपा को वोट करने की अपील की थी . इसी अपील के खिलाफ हाईकोर्ट में बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ एक पिटीशन फाइल की गई थी.
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निर्वाचन आयोग को उक्त आदेश न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की बेंच ने नीरज शंकर सक्सेना की पिटीशन पर दिया है.नीरज शंकर की ओर से वकील हरिशंकर जैन ने दलील दी कि मायावती ने धर्म के नाम वोट देने की अपील की जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में दिए गए अभिराम सिंह मामले के निर्णय के विरुद्ध है. पिटीशन में मांग की गई कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-29ए और 123(3) के मद्देनजर जनता के बीच ऐसी अपील करने वाली राष्ट्रीय अध्यक्ष की पार्टी की मान्यता कैंसिल की जानी चाहिए.
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वकील हरिशंकर जैन सबूत के तौर पर एक सीडी प्रस्तुत करते हुए कहा चुनाव आयोग इस प्रकार के मामलों में कार्रवाई के लिए बाध्य है वहीं चुनाव आयोग के वकील ने दलील दी कि आयोग के सामने पहले से इस विषय पर काउंटर पेंडिंग है, जिस पर आयोग कानून के तहत निर्णय लेगा ,जहां तक सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सवाल है, वह किसी प्रत्याशी के अयोग्य घोषित करने संबंधी निर्वाचन याचिका से सम्बंधित है.
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए कि उसके समक्ष पेंडिंग इस प्रकार की शिकायतों पर आदेश देते समय वह देखें कि शिकायतों में दिए गए फैक्ट्सा अभिराम सिंह मामले में सु्प्रीम कोर्ट द्वारा दिए निर्णय से रिलेटेड हैं. कोर्ट ने यह भी साफ किया कि कार्यवाही के दौरान रिलेटेड पार्टी को भी नोटिस जारी किया जाए. पिटीशन को निस्ताैरित करते हुए कहा कि इलेक्शिन कमीशन ऐसी शिकायतों पर जल्दर निर्णय ले.
सनद रहे 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व के मुद्दे पर दायर कई पिटीशन्स पर सुनवाई करते हुए कहा था कि धर्म, जाति और संप्रदाय के नाम पर नेता वोट नहीं मांग सकते. ये गैर कानूनी है. कोर्ट ने कहा था कि चुनाव एक सेक्युलर प्रॉसेस है और इसका पालन किया जाना चाहिए. इंसान और भगवान के बीच रिश्ता अपनी निजी पसंद का मामला है. सरकार को इससे खुद को अलग रखना चाहिए.

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