नीरज भाई पटेल
लखनऊ. उन्नाव की भगवंतनगर विधानसभा से कृपाशंकर सिंह को टिकट ना देना बीजेपी के लिए तो छोड़िए सभी प्रमुख दलों के गले की फांस बन गया है. पहले निर्दलीय अब लोकदल के सिंबल (हल जोतता किसान) पर चुनाव लड़ रहे कृपाशंकर सिंह ने किसानों और शोषितों के दम पर सभी प्रत्य़ाशियों के समीकरण बिगाड़कर रख दिए हैं.
मतदाताओं की संख्या 3 लाख 62 हजार 916 है. बसपा से विधायक रह चुके कृपाशंकर सिंह लोकदल से हैं प्रत्याशी. सपा से मौजूदा विधायक कुलदीप सेंगर अब भाजपा में जा चुके हैं. |
रैली में उमड़ी भीड़ से कृपाबाबू के हौसले बुलंद-
गुरुवार को भगवंतनगर विधानसभा में तीन बड़ी रैलियां थी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सिकंदरपुर कर्ण में लोकदल प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह के समर्थन में राजपाल यादव की। तीनों रैलियों में अप्रत्याशित रूप से सबसे ज्यादा भीड़ जुटी कृपाबाबू की रैली में। बस गुरुवार से ही चुनाव ने नया रुख ले लिया और अन्य दलों के प्रत्य़ाशियों की नींद उड़ी हुई है।
किसानों और कमेरों के समर्थन से कृपाबाबू मुख्य लड़ाई में-
जिले के प्रतिष्ठित क्राइम एडवोकेट कृपाशंकर सिंह को लोग कृपा बाबू के नाम से भी जानते हैं। ये 2007 में बीएसपी से विधायक रह चुके हैं। क्षेत्र में कृपा बाबू की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2002 में जब वो बीजेपी प्रत्याशी थे उस समय भी 30 हजार के करीब मत पाकर दूसरे नम्बर पर रहे थे। अब हालिया समीकरण भी उनके दावे को मजबूती देते दिख रहे हैं। बीजेपी ने अपने प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित( ब्राम्हण), कांग्रेस-सपा गठबंधन से अंकित परिहार(ठाकुर) और बीएसपी ने शशांक शेखर सिंह(ठाकुर) को प्रत्य़ाशी बनाया है। यानि कुर्मी और ओबीसी बाहुल्य इस विधानसभा से किसी भी दल ने कुर्मी/पिछड़े वर्ग का प्रत्याशी नहीं उतारा है। यही समीकरण कृपा शंकर सिंह( कुर्मी) के पक्ष में जा रहा है। उन्नाव निवासी पत्रकार दिलीप पटेल बताते हैं कि इस समय कृपाशंकर सिंह के पक्ष में सारे किसान और कमेरे लोग लामबंद हो गए हैं। इसके अलावा कृपाबाबू जाने माने वकील हैं इस नाते उनको पढ़े लिखे तबके और अधिवक्ताओं का भी भरपूर साथ मिल रहा है। इसके अलावा मौजूदा सपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बीजेपी में जा चुके हैं जो इस सीट से प्रत्याशी नही है।
विधानसभा के आंकड़े-
साल 2012 के आंकड़ों के अनुसार इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 62 हजार 916 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 60 हजार 421 है। सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनावों में दो बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली। जबकि एक बार समाजवादी पार्टी को जीत मिली। फिलहाल सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। लेकिन इसे बरकरार रखना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किल पार्टी के अंदर के धड़ों में ही है। क्योंकि दल में दो फाड़ हो चुके हैं। इसका सियासी फायदा निश्चित तौर पर अन्य दलों को होगा। फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि इस बार किस पार्टी पर जनता विश्वास जताती है।
आइए नजर डालते हैं पिछले तीन विधानसभा चुनाव के परिणामों पर-
पिछले तीन विधानसभा समीकरणों पर नजर डालें तो मुकाबला कृपाबाबू और बीएसपी प्रत्याशी शशांक शेखर सिंह के बीच नजर आ रहा है।
16वीं विधानसभा चुनाव 2012 के नतीजे –
16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के कुलदीप सिंह सेंगर ने बीजेपी की पूनम शुक्ला को हराया था। बीएसपी के रविशंकर पांडेय तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के अंकित परिहार चौथे स्थान पर रहे थे।
15वीं विधानसभा चुनाव 2007 के नतीजे 15 वीं विधानसभा चुनाव में बीएसपी के कृपाशंकर सिंह ने समाजवादी पार्टी के नत्थू सिंह को हराया था। बीजेपी के शकुन सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के वीर प्रताप सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।
14वीं विधानसभा चुनाव 2002 के नतीजे 14 वीं विधानसभा के चुनाव में बीएसपी के नत्थू सिंह ने बीजेपी के कृपाशंकर सिंह को हराया था। समाजवादी पार्टी के शिवसागर तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के वीर प्रताप सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।
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