लखनऊ .उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खां ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि चुनाव प्रचार की थकान के कारण वह उत्तर प्रदेश जल निगम से जुड़े मामले में अदालत के समक्ष नहीं पेश हो सके. न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति रविन्द्रनाथ मिश्र की पीठ के समक्ष पेश हुए आजम ने सुनवाई की शुरूआत में ही अदालत से बिना शर्त माफी मांगते हुए इस बात पर अफसोस व्यक्त किया कि उनके पेश नहीं होने का पूरा कारण उनके वकील नहीं बता सके. आजम खां ने अदालत को सूचित किया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बाद उन्होंने ही अपनी पार्टी के लिए सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं की हैं. वह रोजाना प्रचार की वजह से थक जाते थे, जिसकी वजह से अदालत में पेश नहीं हो सके.
पीठ ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 मार्च तय की है. उच्च न्यायालय में पेश ना होने के मामले में आजम ने उच्चतम न्यायालय में भी अर्जी दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें फटकार लगायी.जल निगम ने 2013 में अपने एक इंजीनियर के मामले में न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी. इससे पहले अदालत ने जमानती वारंट के आदेश की तामील नहीं होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तलब किया था. अदालत ने एक मार्च को निर्देश दिया था कि आजम खां को छह मार्च को पेश किया जाए. आजम उच्च न्यायालय में तो पेश नहीं हुए बल्कि उच्चतम न्यायालय चले गये. जमानती वारंट पर आजम खां को चूंकि अदालत में पेश नहीं किया जा सका इसलिए अदालत ने सीजेएम और एसएसपी से कहा था कि अदालत के आदेश की तामील नहीं होने के कारण क्यों ना कार्रवाई की जाए.
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