मुलायम हो सकते है मुख्यमंत्री - न्यूज़ अटैक इंडिया
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मुलायम हो सकते है मुख्यमंत्री

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लखनऊ। रविवार का दिन  सपा के लिए ख़ास बन गया दिन भर सपा में  आरोप प्रत्यारोप  का दौर  चलता रहा  सुरूवात किया सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने सूर्योदय से पहले ही चिठ्ठी जारी करके सपा परिवार में हंगामें की नींव रख दी थी। उन्होंने अपने पत्र में बिना शिवपाल यादव का जिक्र किये लिखा कि हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बनें। वे चाहते हैं कि हर हाल में अखिलेश यादव हारें। हमारी सोच पोजटिव है उनकी निगेटिव है। मुख्यमंत्री के साथ वह लोग हैं जिन्होंने पार्टी के लिए खून बहाया ,अपमान सहा। उधर वो लोग हैं जिन्होंने हजारों करोड़ रुपया कमाया ,व्यभिचार किया और सत्ता का दुरूपयोग किया।

 

           जनता को भ्रमित करने के लिए कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं बयानबाजी करते हैं। बहकावे में आने की जरुरत नहीं है,रथयात्रा विरोधियों की गले की फ़ांस है।

इस फ़ांस को और शार्प करना है। अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे। न डरें ,न विचलित हों जहां अखिलेश वहीँ विजय। इसके बाद सुबह ग्यारह -बारह बजे के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा और कद्दावर कैबिनेटमंत्री शिवपाल यादव ,ओम प्रकाश सिंह ,नारद राय स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री शादाब फातिमा और दर्जा प्राप्त मंत्री जयाप्रदा को बर्खास्त कर राजधानी का राजनैतिक गर्मी और बढ़ा दिया। अखिलेश ने समाजवादी पार्टी में हो रहे घमासान का जिम्मेवार राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को ठहराते हुए कहा कि ये आदमी पार्टी तोडना चाहता है ये दलाल हैं।मुलायमम सिंह यादव पार्टी अध्यक्ष होने के साथ मेरे पिता भी हैं इस लिए मैं मुलायम का उत्तराधिकारी भी हूँ। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिल कर आये और उन्होंने ऐलान किया कि पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी  से छ वर्ष के लिए निकल दिया । शिवपाल यादव ने कहाकि रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव और पुत्रवधू दोनो ही यादव सिंह घोटाला मामले में फँसे हैं इसलिए सीबीआई जाँच के आँच से बचने के लिए प्रोफ़ेसर बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं।इस बीच रामगोपाल यादव तीन बार भाजपा नेताओं से भी मिलें हैं। पारिवारिक कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी में अब एक और तूफान का इंतजार हो रहा है  पार्टी महासचिव अमर सिंह और जयाप्रदा को भी पार्टी से बाहर होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

 

सपा सुप्रीमो  मुलायम सिंह यादव ने शाम को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिंपल यादव और दूसरी पत्नी के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी व लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की प्रत्यासी अपर्णा यादव को घर बुला कर  गुफ़्तगू की ।पार्टी से जुड़े विस्वसनीय सूत्रों की मानें तो अब अखिलेश और शिवपाल को चुनावी समर में उतार कर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव खुद मुख्यमंत्री बनेंगे। इससे पार्टी तत्कालीन परस्थित में टूटने से भी बच जाएगी और दोनों खेमा अपनी -अपनी बढ़त बनाने के चक्कर में जी जान से पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में जुट जायेंगे। इस सन्दर्भ में रिटायर्ड नौकर शाह एस सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल से कई मंत्रियों को बर्खास्त करने के बाद सख्त तेवर में दिख रहे मुख्यमंत्री अखिलेश की कुर्सी अब खतरे में है।

उनका कहना है कि 24 अक्टूबर को मुलायम ने समाजवादी पार्टी के पुराने वफादारों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हटाने पर फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को 24 अक्टूबर को पार्टी से बाहर निकाला जा सकता है। मुलायम ने 24 तारीख को सभी विधायकों और एमएलसी की बैठक बुलाई है। आज शाम को मुलायम सिंह यादव ने अपने आवास विक्रमादित्य मार्ग पर ५,३० बजे शाम को कोर कमेटी की बैठक बुलाया जिसने पार्टी के दिग्गज  उपस्थित रहे  परंतु क्या बात में क्या निष्कर्ष निकला इसकी जानकारी नहीं हो पाई।कल मुलायम सिंह यादव दवरा बुलाई गई बैठक  क्या निष्कर्ष निकलता है  उक्त होने वाली बैठक पर ही सबकी निगाहे है ।

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