शराबमुक्त के बाद बनेगा दहेजमुक्त बिहार - न्यूज़ अटैक इंडिया
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शराबमुक्त के बाद बनेगा दहेजमुक्त बिहार

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पटना .मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि शराबबंदी के बाद अब बिहार को दहेजमुक्त बनाया जायेगा. महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर स्थित ज्ञान भवन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दहेजबंदी के लिए अभियान चलायेगी. गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे हुए हैं. आज ही के दिन 1917 में गांधी जी पटना पधारे थे. उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा कि गांधी के नाम में इतना दम है कि सभी इसका लाभ उठाना चाहते हैं. यहां तक कि वे लोग भी यात्रा निकालेंगे, जो गांधी जी की विचारधारा के प्रतिकूल हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोक संवाद में महिलाओं ने दहेज प्रथा और बाल विवाह रोकने का सुझाव दिया है. वर्तमान में दहेज प्रथा और बाल विवाह के मामले बढ़ने लगे हैं. इसलिए अब नशामुक्ति के साथ-साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी अभियान चलाया जायेगा. अभी देश और दुनिया में असहिष्णुता और टकराव का माहौल है. भौतिकतावादी चीजें लोगों के दिल और दिमाग पर हावी हैं. इस माहौल में गांधी जी के विचारों के लोग एक जगह हों और सार्थक विचार करें, तो इस विमर्श से जो निष्कर्ष निकलेगा, वह देश-दुनिया के लिए लाभदायक होगा. उन्होंने कहा कि गांधी जी ने जो कुछ कहा है, मैं उस पर अमल करने की कोशिश करता हूं. मेरा मार्गदर्शक सिद्धांत गांधी जी का सिद्धांत ही रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने शुरू से न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है. समाज के सभी तबकों के लोगों की भलाई के लिए काम किया गया है. हमने इस बात का ख्याल रखा है कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचे. हमारी योजनाएं सभी के लिए हैं और सभी को इससे लाभ मिला है. सीएम ने कहा कि नारी सशक्तीकरण की दिशा में भी काफी काम हुआ है और इसका लाभ भी दिखाई पड़ रहा है. शराबबंदी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पांच अप्रैल, 2016 से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी है. पहले शराबबंदी चरणबद्ध तरीके से लागू करने के बारे में सोचा था.

लोगों के बीच शराबबंदी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जन जागरण का जबरदस्त अभियान चलाया गया. छात्र-छात्राओं ने अपने अभिभावकों से शराब नहीं पीने का संकल्प पत्र भरवाया. एक करोड़ 19 लाख संकल्प पत्र भरे गये. नौ लाख जगहों पर नारे लिखे गये. 25 हजार जगहों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन हुआ. गीत बनाये और गाये गये. जबरदस्त माहौल बना. शहरों में जब शराब की दुकानें खुलने लगीं, तो लोगों ने उसका विरोध किया.
माहौल ऐसा बना कि चार दिनों के अंदर पांच अप्रैल, 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गयी. पूरे बिहार के लोगों ने इसका स्वागत किया गया. उन्होंने कहा कि शराबबंदी सफलतापूर्वक लागू रखने के लिए जन चेतना जरूरी है. शराबबंदी के संदर्भ में राजस्थान का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि एनएच और एसएच के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानें नहीं खोली जा सकती हैं. पर, यह जानकर आश्चर्य हो रहा है कि कुछ राज्यों में एनएच और एसएच को डिनोटिफाइड किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी से सरकार को कोई नुकसान नहीं है. बिहार ने हिम्मत किया है, आप भी करके देखें.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी जहां -जहां गये थे, उन जगहों पर स्मृति यात्रा का आयोजन होगा. 17 अप्रैल, 2017 को पटना में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जायेगा. इस आयोजन में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सहमति दे दी है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. गांधी जी के विचारों से समाज बदल जायेगा. चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह में हमारा मुख्य उद्देश्य है गांधी जी के विचारों से सबको अवगत कराना. गांधी जी को सब मानते हैं, पर गांधी जी के विचारों को अपनाने के लिए कोई नजरिया नहीं है. उन्होंने कहा कि हम बापू के विचारों पर घर-घर दस्तक देंगे. गांधी जी के विचारों पर फिल्म बना कर एक-एक गांव, सौ तक की आबादी वाले टोलों तक में दिखायेंगे. साथ ही स्कूल में बच्चों को रोज गांधी जी से जुड़ी कहानी प्रार्थना के बाद बतायी जायेगी.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विमर्श से जो बातें सामने आयेंगी, उन्हें भी हम घर-घर तक पहुंचायेंगे. हर छात्र-छात्रा को इससे अवगत करायेंगे. अगर नयी पीढ़ी का दस प्रतिशत भी गांधीजी के विचारों के प्रति आकर्षित हो जाये, तो आनेवाले 10 से 15 साल में समाज बदल जायेगा. मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय विमर्श में आये लोगों से गांधीजी के विचारों के सभी पहलुओं पर विचार करने की अपील की. पर्यावरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आप गंगा नदी के किनारे हैं, गंगा नदी काे देख लें कि आज क्या हाल है. राष्ट्रीय विमर्श से जो नतीजा निकलेगा, उन नतीजों को हमलोग पुस्तक की शक्ल में प्रकाशित करेंगे. उन्होंने गांधीवादियों से अपील की कि आप एजेंडा सेट करें कि देश को कैसे आगे ले जाना है. आप लोगों को यह बताएं कि आपको क्या विकल्प नजर आता है. लोगों के सामने सारी चीजें रख दें. आप लोग जो भी विमर्श करेंगे और उससे जो बात निकल कर आयेगी, उसका अनुपालन करने की कोशिश करूंगा.

इस अवसर पर महात्मा गांधी के पौत्र व पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी, न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी, डाॅ रजी अहमद, मेधा पाटेकर, सच्चिदानंद सिन्हा, न्यायमूर्ति राजेंद्र सच्चर, प्रेरणा देसाई ने भी विचार व्यक्त किये. डॉ एसएन सुब्बाराव ने एक गीत प्रस्तुत किया गया. अतिथियों का स्वागत शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने किया. उन्हें अंगवस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर अभिनंदन किया गया. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, कला-संस्कृति मंत्री शिवचंद्र राम समेत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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