सच बया करने वाले आईएएस अफसर को बर्दास्त नहीं कर पाए अखिलेश ,डीएम बनने का रेट 70 लाख
सचिव राष्ट्रीय एकीकरण आईएएस अफसर अशोक कुमार ने डीएम बनने का रेट 70 लाख सार्वजिनक क्या कर दिया। इस कृत्य को अनुशासनहीनता मानकर यूपी सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में जिलाधिकारी पद पर तैनात होने के लिए बड़ी रकम जरूरी है। इस राज को आईएएस अफसर अशोक कुमार ने बस्ती में खोल दिया। बस्ती के नोडल अधिकारी तथा सचिव राष्ट्रीय एकीकरण अशोक कुमार ने छोटे जिलों के डीएम बनने का रेट 70 लाख रुपया बताया था। उनके इस कृत्य को अनुशासनहीनता मानकर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया। बस्ती में ही अधिकारियों को कार्यों के प्रति संवेदनशील रहने का निर्देश देने वाले अशोक कुमार को आज इस बयान पर सजा झेलनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि प्रांतीय प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) से सरकारी सेवा में आए अशोक कुमार प्रोन्नत होकर आईएएस बने हैं। उन्हें 1999 बैच की वरिष्ठता हासिल है। समाजवादी सरकार के दौरान अब तक वह मुख्यधारा के पदों पर नियुक्त नहीं किये गये हैं।
इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास भी पैसा होता तो मैं भी कहीं का डीएम बन जाता। प्रदेश में जिलाधिकारी बनने के 70 लाख रुपया होना जरुरी है। मेेरे पास इतना रुपया नहीं था, इसी कारण से मैं डीएम नहीं बन पाया। डीएम तो नहीं बन पाया और मैं कमिश्नर भी बनना नहीं चाहता।
आईएएस अफसर अशोक कुमार का यह बयान ही आज उनको सख्त सजा का कारण बन गया। सूबे की सरकार ने इसको अनुशासनहीनता माना है। सरकार ने घूस के बयान पर गंभीर होते हुए आईएएस अफसर अशोक कुमार को निलंबित कर दिया। आईएएस अफसर का निलंबन यह संकेत तो देता ही है कि सच बोलें तो सजा ख़राब होगी वही अखिलेश सरकार के मंत्री कुछ भी बोले तो पदोन्ती तय है ,वह रे अखिलेश राज .
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