लखनऊ.उत्तर प्रदेश के इस चुनाव में समाजवादी विचारधारा के दलों की मोर्चेबंदी की रूपरेखा बन रही है ,जिस मोर्चेबंदी की अगुवाई जदयू मुखिया नीतीश कुमार और कभी धुर बिरोधी रहे सत्ता के सहयोगी राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव मिलकर करने की रणनीति पर काम कर रहे है.साफ़ सुथरी राजनीति के लिए
सुशासन बाबू केंद्र की सरकार वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश में पटखनी और खुद को उत्तर प्रदेश की राजनिती में प्रतिस्थापित करने के अपने मिशन पर काम कर रहे है.
नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश मिशन को बिगत ७-८ माह से अंजाम दिया जा रहा है ,इसी मिशन के तहत जनता दल यू ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में तमाम सम्मलेन भी किया है .उत्तर प्रदेश के हालातो से वाकिब जद यू के रास्ट्रीय महासचिव व विहार के परिवर्तन के अहम् किरदार यूपी कैडर के पूर्व आइएएस अधिकारी सांसद आरसीपी सिंह को उत्तर प्रदेश के प्रभारी नियुक्त कर मिशन नीतीश कुमार का खाका तैयार किया जा रहा है.जदयू बिहार से सटे पूर्वांचल में बिहार की शराबबंदी और गवर्नेंस मुद्दा बनाएगी ..
सांसद आरसीपी सिंह के मुताबिक यूपी में हुई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभाओं में अति पिछड़ी जातियों में सबसे मजबूत कुर्मी समुदाय और अल्पसंख्यक खास कर युवाओं की मौजूदगी पार्टी के लिए उम्मीद भरा है. अब तक नोटबंदी को लेकर केंद्र का समर्थन कर रहे नीतीश कुमार ने 23 जनवरी को पार्टी कोर कमेटी की बैठक बुलायी है. अब सबकी नजर इस बैठक पर टिकी है. क्या नोटबंदी पर यूपी में प्रधानमंत्री पर जदयू मुखिया नीतीश कुमार हमला कर सकते हैं.
इधर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात कर साफ़ कर दिया है कि इस चुनाव में भाजपा
के बिरोध व समाजवाद का समर्थन व प्रचार करने वे उत्तर प्रदेश में रहेंगे.राजनीति के धुरंधरों का मानना है की २०१७ का उत्तर प्रदेश चुनाव सियासी संग्राम का बड़ा अखाडा बनेगा जिस अखाड़े में देश की शियासत के समाजवादी पहलवान मिल कर धुर बिरोधी भाजपा को चारो खाने चित करने हेतु किसी भी प्रकार का ताना बना बन सकते है.