सहारनपुर : जातीय संघर्ष के बाद गाव से पलायन को मजबूर ग्रामीण - न्यूज़ अटैक इंडिया
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सहारनपुर : जातीय संघर्ष के बाद गाव से पलायन को मजबूर ग्रामीण

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लखनऊ . बिगत कुछ दिनों से जातीय संघर्ष में जल रहे सहारनपुर में अब लोग दहसत में जी रहे है ,दो बार की संघर्षो के बाद इलाकाई लोग सहारनपुर के अमन चैन को लेकर चिंतित है .बताया जा रहा है कि जातीय संघर्ष के बाद सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर में तनावपूर्ण सन्नाटा पसरा हुआ है. सबल जाति के भय की वजह से ग्रामीण गांव से पलायन करने पर मजबूर हैं. दूसरे दिन भी गांव में कर्फ्यू जैसा माहौल बना रहा.गांव की गलियों में ख़ामोशी छाई है,चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात है .

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जिला र प्रशासन ने शांति व्यवस्था कायम करने के लिए क्षेत्र के शब्बीरपुर सहित करीब ग्यारह गांव शिमलाना, महेशपुर, दल्हेड़ी, बड़गांव, चन्दपुर मजबता, सिसौनी, अंबेहटाचांद, सहजी सावतखेड़ी, टपरी आदि में भारी पुलिस बल तैनात कर सुलग रहे आग को फिरहाल रोक लिया है.

शनिवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए डीएम एनपी सिंह, एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे शब्बीरपुर गाव में पहुचकर मौजूद दलित महिलाओं से बातचीत कर स्थित शांत है दिलासा भी दिलाया , एसपी देहात रफीक अहमद शब्बीरपुर गांव में भारी पुलिस बल के साथ कैंप कर स्थित को नियंत्रण में रखे हुए है .

पुलिस ने संघर्ष में शामिल 110 लोगो को नामजद करते हुए 740 अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए हैं. पुलिस ने शब्बीरपुर में हुए बवाल में नामजद एक पक्ष के नौ दूसरे पक्ष के आठ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.


शब्बीरपुर प्रकरण में एसएसपी ने बड़गांव थानाध्यक्ष एम़पी़ सिंह लाईन हाजिर कर दिया। एसएसपी सुभाष चंद दुबे ने कहा कि प्रथम दृष्टया एसओ की लापरवाही उजागर हुई है, जिसके चलते उन्हें लाईन हाजिर कर दिया गया है

क्या था पूरा मामला ?

बडगांव थाना क्षेत्र के शब्बीरपुर गांव में को दो वर्गों के बीच हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे.दोनों तरफ से पथराव के बाद एक वर्ग ने दलितों के घरों में आग लगा दी. यह टकराव महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर शोभायात्रा निकालने के दौरान हुआ.

जानकारी के मुताबिक, गांव में शुक्रवार को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही थी. जयंती मनाने के लिए दूसरे गांवों से भी क्षत्रिय समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया था.शब्बीरपुर गांव के क्षत्रिय समाज के कुछ युवकों को डीजे लेकर जाते हुए थानाध्यक्ष बडगांव ने रोक दिया. इसी बीच गांव की तरफ से किसी ने इन युवकों पर पत्थर फेंक दिया.



एक पत्थर से शुरू हुई हिंसा दलितों और सवर्णों के बीच पहले पथराव और फिर फायरिंग में बदल गई. फायरिंग में रसूलपुर गांव निवासी 25 वर्षीय सुनीत की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. मामला इतना बढा कि एक वर्ग ने गांव के दलितों के घरों में आग लगा दी.गुस्साई भीड़ ने पुलिस की एक बाइक और गांव में खडे अन्य वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया और पुलिस जीप में तोड़फोड़ किया था .

गौरतलब है कि गांव के रविदास मदिर में मूर्ति स्थापना को लेकर गांव के दलितों व सवर्णों में पहले से ही तनातनी चला आ रही है. सवर्णसमुदाय की शिकायत पर प्रशासन ने मूर्ति स्थापना भी नहीं होने दी थी. ताजा बवाल की आंच पास के गांव महेशपुर तक पहुंच गई. वहां भी दलितों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ हुई.

फिरहाल सहारनपुर में इन घटनाओं को लेकर आम जन भयभीत है .पुलिस स्थित पर नियंत्रण का दावा कर रही है .

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