अग्निवीर में महिलाओं की भर्ती हो -प्रो दिलीप मंडल - न्यूज़ अटैक इंडिया
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अग्निवीर में महिलाओं की भर्ती हो -प्रो दिलीप मंडल

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भारतीय वायुसेना ने जून 2016 में ही महिलाओं की लड़ाकू भूमिका में नियुक्ति की शुरुआत कर दी थी। उस दौरान वायुसेना में तीन महिला अधिकारी लड़ाकू पायलट के तौर पर शामिल हुईं थीं। भारतीय सेना में अब महिलाओं का कद बढ़ाए जाने की योजना के तहत महिला अग्निवीरों को जवानों के तौर पर शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल भारतीय सैन्य सेवाओं में करीब 1700 महिला अधिकारी वर्तमान में कार्यरत हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि महिलाओं को जवानों के तौर पर नियुक्त करने का प्रस्ताव अंतिम चरण में है। कहा जा रहा है कि नियुक्ति पहले सर्विसेज से शुरू होगी बाद में इसका विस्तार कॉम्बैट सपोर्ट आर्म्स में किया जाएगा। भारतीय सेना में 10 लाख से ज्यादा जवान हैं। अब तक सेना में महिलाओं को सैनिक स्तर पर सैन्य पुलिस कोर में शामिल किया है। जून 2016 में ही भारतीय वायुसेना ने महिलाओं की लड़ाकू भूमिका में नियुक्ति की शुरुआत कर दी थी। उस दौरान वायुसेना में तीन महिला अधिकारी लड़ाकू पायलट के तौर पर शामिल हुईं थीं। अब तक IAF 15 महिला लड़ाकू पायलटों को सेना का हिस्सा बना चुका है। इधर दिसंबर 2022 में नौसेना ने भी महिला अधिकारियों के लिए सभी सेवाओं में रास्ते खोल दिए थे। भारतीय नौसेना ने अब तक 28 महिला अधिकारियों की जहाजों पर तैनाती की है, साथ ही महिला अधिकारियों को नौसेना के विमानों और हेलीकॉप्टरों पर भी लड़ाकू भूमिका में तैनात किया गया है।

देश के जाने माने पत्रकार एवं सामाजिक चिंतक प्रो दिलीप मंडल ने केंद्र सरकार से अग्निवीर में महिलाओ की नियुक्ति के रास्ते खोलने की अपने सोसल मीडिया एकाउंट X पर अपील करते हुए लिखा है कि अग्निवीर में महिलाओं की भर्ती की जानी चाहिए। अब युद्ध का तरीक़ा बदल चुका है। अब न तलवार है न भाला न घोड़ा न भारी बंदूक़ें। सेना की सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली राइफ़ल इंसास लोड होने के बाद सिर्फ 4 किलो की है। इसलिए मर्दाना शारीरिक क्षमता का बेहद कमजोर रहा तर्क भी ख़त्म हो चुका है। अमेरिका से लेकर चीन और इज़राइल, स्विट्ज़रलैंड और ईरान समेत विभिन्न देशों की सेनाओं में महिला सैनिक हैं। ये कहना कि भारत में महिलाएँ पुरुषों के साथ काम नहीं कर पायेंगी, पुरानी सोच है। भारतीय पुरुष इतने भी बुरे नहीं हैं। यौन उत्पीड़न को लेकर सख़्त नियम बनाए जा सकते हैं। बीएसएफ़ और आईटीबीपी की महिलाएँ बॉर्डर सँभाल ही रही हैं। अब सेना को ये बंद दरवाज़ा खोल देना चाहिए। उन्होंने इस पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी टैग किया है।

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