सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से धोखाधड़ी के मामले में मुंबई हाई कोर्ट ने भाजपा नेता मोहित कंबोज को झटका दिया है। सेंट्रल बैंक के लगभग १०४ करोड़ रुपए के फर्जीवा़ड़े केस को लेकर सीबीआई की ओर से दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए इस मामले में अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है। ऐसे में कंबोज की मुश्किलें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
बता दें कंबोज व अन्य पर सेंट्रल बैंक आफ इंडिया से फर्जीवाड़ा कर १०३ करोड़ ८१ लाख रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। ये जानकारी फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आई है। सूत्रों के अनुसार ऐसे अन्य फर्जीवाड़े का आरोप भी मोहित पर है। उक्त बैंक के लगभग १०४ करोड़ रुपए मोहित एंड कंपनी डकार न पाएं, इसलिए कोर्ट ने यह झटका दिया है। अब खबर है कि इस मामले में हाई कोर्ट ने अतिरिक्त धारा के तहत अपराध दर्ज कर गहन जांच कर उस जांच की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
सीबीआई की भूमिका पर सवाल
सेंट्रल बैंक के लगभग १०४ करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े मामले में मुख्य आरोपी मोहित कंबोज की जांच के बाद भी सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लगा। सीबीआई ने कोर्ट में इस मामले को लेकर क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। अब ऐसे में कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई के काम पर सवाल उठने लगे हैं। क्या सीबीआई ऐसा जान-बूझकर कर रही है? भाजपा नेताओं से जुड़े घोटाले के मामले को क्लोज कर रही है, सीबीआई का काम दोषियों को बचाने का है क्या?
कौन है मोहित कंबोज
ये शख्स वैसे उत्तर प्रदेश का कहने वाला है। 2004 में वह मुंबई पहुंचा और इसके अगले ही साल केबीजे ज्वैलर्स को लॉन्च कर दिया। उसने जवाहरात के बाजार में पैसा कमाने के गुर अपने पिता बनवारी लाल कंबोज से सीखे। 2014 में वो अचानक तब चर्चाओं में आया जब 1 साल पहले ही पार्टी ज्वाईन करने के बाद भी उसे असेंबली टिकट दे दिया गया। उस दौरान वह महाराष्ट्र से धनी उम्मीदवार था। हलफनामे में उसकी संपत्ति 253.53 करोड़ रुपये बताई गई थी। चुनाव हारने के बाद भी वो भाजपा में ताकतवर बना रहा। 2019 के लोकसभा और सूबे के असेंबली चुनाव में वो भाजपा का अहम चेहरा था। 2019 में कंबोज ने अपने नाम के आगे भारतीय लगा दिया था। कुछ दिनों तक चुप रहने के बाद वो फिर से तब चर्चा में आया जब एनसीपी नेता व महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने उस पर आर्यन खान केस में मास्टरमाइंड होने का आरोप जड़ा। उसके बहनोई रिषभ सचदेव को लेकर मलिक ने कई बातें कही थीं। कंबोज ने इसके बाद नवाब मलिक पर 100 करोड़ का मानहानि का केस दायर किया था। मलिक की गिरफ्तारी के बाद उसने अपनी बिल्डिंग के आगे तलवार लगाई तो शिवसेना सरकार ने उस पर केस भी दर्ज कराया था।
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