यह पुरानी कहावत है कि “कीचड़ में कमल खिलता है ” रेडलाइट एरिया भी देह व्यापार का एक तरह से कीचड़/दलदल ही है। हर वर्ष न जाने कितनी बालिग व नाबालिग को फंसाकर इस दलदल में धकेल दिया जाता है। इस दलदल से वह निकलने की कोशिश करतीं है हालांकि उनकी सब कोशिश नाकाम रहती है। देह व्यापार के अड्डे से कभी-कभार मौका मिलने पर कुछ भाग भी जाती है। यह मौका सैकड़ों में एक को ही मिल पाता है। इस दलदल में कमल रूपी कई छात्र व छात्राएं खिले हुए तो कुछ खिलने की कोशिश कर रहे हैं। ताजा मामला सामने आया है इस एरिया के एक सरगना की दो बेटियां का दोनों पढ़ कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं किन्तु परिजन तैयार नहीं हैं। अब जब सरगना की बेटियां पुलिस की पकड़ में आयी हैं, तो उन्हें उम्मीद की किरण दिखने लगी है।
मंगलवार को देर शाम पुलिस टीम ने रेड लाइट एरिया में छापेमारी कर उसके सगरना की दो पुत्रियों को भी पकड़ा था। यह वही सरगना है, जो वर्षों से देह व्यापार के धंधे से जुड़ा हुआ है। उसकी एक पुत्री 16 और दूसरी 12 वर्ष की है। दोनों बहनों ने पिता की पूरी करतूत का खुलासा किया है। दोनों ने महिला पुलिस पदाधिकारी को बताया है कि पिता गलत धंधा करता है। उन दोनों का पिता के अवैध धंधे से कोई लेना-देना नहीं है। उसने अपने दिल की बात पुलिस से शेयर किया।
देशव्यपार के सरगना की पुत्रियों ने पुलिस को बेहिचक यह जानकारी दी कि उसके पिता किशोर लड़कियों को लाते हैं। घर में रख कर उससे देह व्यापार कराते हैं। उनकी कोई गलती नहीं है। उनका पिता के इस गलत कारोबार से कोई नाता नहीं है। पुलिस को बताया कि वह देह व्यापार के अड्डे से दूर होना चाहती हैं, पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं। दोनों बहनों को उम्मीद है कि पुलिस उनके भविष्य के लिए सोचेगी और उनके संरक्षण और पढ़ाई की दिशा में सकारात्मक कदम उठायेगी।
विगत दिनों सीतामढ़ी के नगर थाना क्षेत्र के रेड लाइट इलाके में बचपन बचाओ आंदोलन एवं सीतामढ़ी पुलिस की संयुक्त पहल पर चार नाबालिग सहित छह को मुक्त कराया गया था । एएसपी मनोज कुमार राम के नेतृत्व में नगर थानाध्यक्ष सह सर्किल इंपेक्कटर अरुण कुमार, महिला थाना प्रभारी सुचित्रा कुमारी, बचपन बचाव के टीम के साथ पुलिस ने रेड लाइट के संदिग्ध इलाके में छापेमारी की थी हालांकि पुलिस को देखकर अंधेरा का फायदा उठा दलाल फरार हो गया। एएसपी मनोज कुमार राम ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन संगठन की सूचना दी थी कि जबरन नाबालिग व अन्य से देह व्यापार कराया जा रहा है। सूचना के बाद सत्यापन के उपरांत मामला सही पाए जाने पर पुलिस ने छापेमारी किया था।
छापेमारी में चार नाबालिग सहित दो महिलाा को मुक्त कराया गया था । मुक्त करायी गयी लड़किया असम सहित अन्य जगहों की रहने वाली है। सभी के बताए पते का सत्यापन कर परिजन से संपर्क की कोशिश की जा रही है। छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री भी मिली। बचपन बचाओ आंदोलन की टीम के सदस्यों ने बताया कि संस्था हरसंभव ट्रैफिकिंग की शिकार हुई बच्चियों को मुक्त करवाने के लिए तत्पर है।
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