लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित देश के अलग – अलग कोने से गरीवो को चपत लगा फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड रशीद नसीम के शाइन सिटी फर्जीवाड़े पर ईडी ने शिकंजा कसते हुए जब्त सम्पत्तियों को जालसाजी से बेचने में उस्ताद एजेंटों के 23 ठिकानों पर सघन छापेमारी की। ईडी की कार्रवाई यूपी में लखनऊ, आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, हरदोई के बाद दिल्ली और महाराष्ट्र के मुंबई में भी हुई है। छापेमारी के दौरान शाइन सिटी की कई बेनामी सम्पत्तियों और निवेश से जुड़े अहम दस्तावेजों के साथ मनीलांड्रिंग के सुराग भी मिले हैं।
निवेशकों के 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा की रकम दबाने वाले शाइन सिटी के महाठग राशिद नसीम ने अब दुबई से फर्जीवाड़े को और तेज किया है। सूत्रों की माने तो राशिद नसीम से दुबई में लगातार शाइन सिटी के कारिंदे मिल भी रहे हैं। कानपुर में नरवल तहसील के मौजा पुरवावीर गांव में ईडी द्वारा जब्त की गयी शाइन सिटी की करोड़ों की 19 एकड़ भूमि को फर्जी तरीके से बेचा जा रहा था। बीते माह ईडी अफसरों ने कानपुर जाकर जमीन पर कब्जा भी लिया था। साथ ही जब्त संपत्तियो को बेचने वाले एजेंटों की तलाश की मुहिम जैसे ही शुरू की, इसी तरह के कई और फर्जीवाड़े सामने आये। जिसके बाद शुक्रवार को साक्ष्यों के साथ लखनऊ, आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, हरदोई, दिल्ली में 8-8, वाराणसी व प्रयागराज में 2-2, आजमगढ़, हरदोई व मुंबई के 1-1 ठिकानें पर छापा मारा गया। आम जनता को इस बार जब्त जमीनों को बेच कर ठगी की जा रही थी। लखनऊ में गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार और आशियाना में एजेंटों के ठिकानों को ईडी के अफसरों ने खंगाला है।
जांच में सामने आया कि राशिद नसीम एजेंटों को ईडी द्वारा जब्त की गयी अपनी संपत्तियों की जानकारी देकर उनको कौडिय़ों के भाव बेचने के निर्देश दे रहा था। इसके बदले एजेंटों को कई गुना ज्यादा कमीशन दिया जा रहा था। छापों में ईडी अफसरों को लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और दिल्ली की कई ऐसी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं, जिनको ईडी जब्त कर चुकी है। अभी तक शाइन सिटी की करीब 125 करोड़ कीमत की संपत्तियों को जब्त किया गया है। इन संपत्तियों की वर्तमान बाजार कीमत एक हजार करोड़ से अधिक है। राशिद इन संपत्तियों को बेचने की फिराक में है। लखनऊ जेल में बंद रसीद नसीम का भाई आसिफ नसीम भी इसी तरह पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए संपत्तियों को बेचने की कवायद कर चुका है। खेल लम्बे समय से जारी है। गहराई से जांच हो तो ईडी के कई अफसरों की भूमिका भी इस मामले में सामने आ सकती है।
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