अजय कुमार
विज्ञान ने कितनी तरक्की क्यों न कर ली है और इसरो के वैज्ञानिकों ने भले ही चांद पर चंद्रयान उतार दिया हो, बावजूद इसके आजादी के 76 साल बाद भी दलितों को लेकर ऊंची मानसिकता रखने वाले स्वर्ण समाज के लोगों की मानसिकता बदलने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही एक ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना खैर क्षेत्र के सुजानपुर गांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में सामने आया है। जहां अध्यापक को पढ़ाई के दौरान हल्ला कर रहे छात्र को क्लासरूम से बाहर निकल जाने के दौरान अपना गलत नाम बताने वाले छात्र का कक्षा में बैठे अन्य दलित छात्रों द्वारा अध्यापक को उसका सही नाम बताए जाने की इसी बात पर स्वर्ण समाज के दबंग छात्रों द्वारा दलित छात्रों के ऊपर हमला बोलते हुए मारपीट कर क्रिकेट बैट और विकेट से बेरहमी से पिटाई की। मारपीट में घायल दलित छात्रों ने इसकी शिकायत प्रधानाचार्य से की, तो प्रधानाचार्य ने मारपीट करने वाले दबंग छात्रों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय मामले को रफा दफा किए जाने की कोशिश की।
दबंग बच्चों द्वारा दलित बच्चों के साथ की गई मारपीट की सूचना पर अभिभावक मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने उनके दलित बच्चों के साथ मारपीट करने वाले दबंग छात्रों के खिलाफ थाने पहुंचकर पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराते हुए मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मारपीट में घायल दलित छात्रों को मेडिकल परीक्षण हेतु उपचार के लिए अस्पताल भेजते हुए कार्रवाई में जुटी हुई है।
पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ की कोतवाली खैर क्षेत्र के सुजानपुर गांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय का है। जवाहर नवोदय विद्यालय में अलग अलग जगह के बच्चे कड़ी मेहनत के बाद इस विद्यालय में एडमिशन ले पाते हैं। क्योंकि जवाहर नवोदय विद्यालय सरकार द्वारा संचालित है। ऐसे मे यहां पर प्रधानाचार्य सहित अध्यापकों की भी मुस्तादी बरकरार होती है। इतनी सुविधा होने के बाद भी जवाहर नवोदय विद्यालय में रहकर शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों के अलग-अलग गुट बनाना आम बात हो गई है। जिसका जीता जागता उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला है।
पीड़ित दलित छात्रों का आरोप है कि अध्यापक के द्वारा कक्षा में पढ़ाई के दौरान कुछ स्वर्ण जाति के दबंग छात्र कक्षा में हल्ला मचा रहे थे। इस पर हल्ला मचा रहे छात्र को पढ़ाई करा रहे अध्यापक के द्वारा नाम पूछा गया था। इस पर क्लासरूम से बाहर निकल जा रहे उस छात्र ने अध्यापक को अपना नाम गलत बताते हुए किसी दूसरे छात्र का नाम बता दिया। जिसके बाद क्लासरूम में बैठकर पढ़ाई कर रहे अन्य छात्रों ने हल्ला करने पर बाहर निकल गए छात्र के द्वारा अपना गलत नाम बताने पर तुरंत अध्यापक को उसका सही नाम बता दिया।यही वजह है कि अध्यापक को गलत नाम बताने पर कक्षा 10 में पढ़ने वाले दबंग छात्र का दलित छात्रों द्वारा सही नाम बताए जाने पर स्वर्ण समाज के दबंग छात्रों में आक्रोश पनप गया। जिसके बाद गुस्साए दबंग छात्र ने अपने एक दर्जन से ज्यादा अन्य साथी छात्रों के साथ मिलकर छुट्टी के दौरान सही नाम बताने वाले दलित छात्रों को अपने पास बुलाकर उनके ऊपर क्रिकेट बैट और विकेट से कक्षा 10 के दबंग छात्राओं द्वारा हमला बोलते हुए जमकर मारपीट कर बेरहमी के साथ पिटाई की। दबंग छात्रों द्वारा की गई मारपीट में कई दलित छात्र चोटिल होते हुए गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसकी शिकायत मारपीट में घायल बच्चों ने मौजूद प्रधानअध्यापक से की। जहां प्रधानाचार्य ने मारपीट में घायल बच्चों को अस्पताल भेजकर उपचार करने के बजाय घटना के एक दिन बीत जाने के बाद भी प्रधानाचार्य द्वारा दलित छात्रों के साथ मारपीट करने वाले दबंग छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जिस पर पीड़ित दलित छात्रों ने इसकी शिकायत फोन पर अपने अपने अभिभावकों से कर दी। सूचना पर अभिभावक भी मौके पर पहुंच गए। जहां मौके पर पहुंचे पीड़ित दलित बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने खैर थाने में घायल बच्चों को ले जाने के लिए प्रधानाचार्य से बात की। बावजूद इसके दलित छात्रों के साथ की गई मारपीट के बाद भी प्रधानाचार्य इस पूरे मामले पर टालम टोल करते दिखाई दिए। वहीं उन्होंने ये भी बताया कि इन दबंग बच्चों ने उनके बच्चों के ऊपर इससे पहले भी दो बार हमला बोला था।इसकी शिकायत भी उनके द्वारा प्रधानाचार्य से की गई थी। लेकिन आज तक झगड़े के उन दोनों मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।ऐसे में नवोदय विद्यालय में पढ़ाने वाले अध्यापकों और प्रधानाचार्य की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। इसके बाद अभिभावक मारपीट में घायल अपने बच्चों को लेकर थाने पहुंचे और उनके साथ मारपीट करने वाले छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मारपीट में घायल बच्चों का मेडिकल कराए जाने के आदेश देते हुए उनको उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। पुलिस मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच में जुटी है।
वही मारपीट में घायल बच्चों का मेडिकल परीक्षण नहीं कराए जाने के सवाल पर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य ओमवीर सिंह का कहना है कि बच्चों के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद बच्चों को बैठाकर बातचीत की ओर बच्चों को समझाया गया कि झगड़ा ना करें।इसके साथ ही प्राचार्य ने घायल बच्चों को लेकर कहा कि मारपीट में घायल बच्चे की हालत इतनी सीरियस नहीं थी कि उनको उपचार के लिए डॉक्टर के पास अस्पताल भेजा जाता।जबकि इनको मेडिकल की जरूरत थी। लेकिन उन्होंने बाहर ले जाना उचित नहीं समझा।वहीं प्रधानाचार्य ने यह भी माना कि बच्चों के चोट है। लेकिन मेडिकल परीक्षण को क्यों नहीं ले जाया गया ये एक बड़ी बात है?
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