लखनऊ। देश में राजस्थान , मध्यप्रदेश , छत्तीशगढ़ एवं तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के नतीजों में बहुमत की सरकार के बाद भारतीय जनता पार्टी का उत्साहित होना लाजमी है किन्तु विपक्षी दल लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं। खास बात है कि इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव एलायंस (INDIA) में कई मुद्दों को लेकर सहयोगी दलों में आपसी खींचतान देखने को मिली है। इसके मद्देनजर सियासी दल अब अपने स्तर से रणनीति को धार देने में जुट गए हैं।
समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में पहले से ही बड़े भाई की भूमिका अदा करने की बात कह रही है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का दावा है कि सपा लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में टिकट मांगने नहीं बल्कि देने की स्थिति में है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद से ही सपा उस पर और हमलावर हो गई है। खासतौर पर मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं करने पर सपा नेता कांग्रेस पर लगातार हमलावर बने हुए हैं।
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम को लेकर सियासी पारा चरम पर है। इसे लोकसभा चुनाव में जनता दल यू की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में जनसभा कर लोकसभा चुनाव में प्रचार का आगाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र से करेंगे। रोहनिया विधानसभा कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र है जिसके कई मायने निकाले जा रहे है।
उत्तर प्रदेश में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसभा को लेकर प्रदेश के कार्यकर्ता एवं नेताओ में बेहद उत्साह हैं। उनका कहना है कि इससे पार्टी की यूपी में सियासी जमीन मजबूत करने में मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश के फूलपुर, वाराणसी, अम्बेडकर नगर और प्रतापगढ़ लोकसभा सीट में से किसी एक से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की काफी समय से चर्चा है। अब उनकी जनसभा का कार्यक्रम तय होने के बाद इन अटकलों को और हवा मिल गई है।
इंडिया गठबंधन को लेकर जद यू के वरिष्ठ नेता एवं बिहार सरकार के कद्दावर मंत्री श्रवण कुमार ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गठबंधन के कुछ नेताओं से चूक हुई है। चूक की वजह से आपस में कुछ मतभेद होते रहते हैं। रणनीति बनाने में थोड़ी देर हो गई है, अब आगे कोई चूक न हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। भाजपा पर हमलावर होते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि उनके एजेंडे में जाति और धर्म है, जबकि हमारे एजेंडे में भाईचारा और प्रेम है।
उत्तर प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश से ही लोकसभा चुनाव लड़ें, इससे बड़ा सियासी संदेश जाएगा। पार्टी नेताओं को लगता कि नीतीश कुमार के यूपी से चुनाव लड़ने से न सिर्फ जद (यू) को लाभ मिलेगा, बल्कि विपक्ष का गठबंधन भी मजबूत स्थिति में होगा। अगर प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट की बात करें तो नीतीश कुमार के यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा इससे पहले भी हुई थी हालांकि तब जद (यू) की ओर से इसे खारिज कर दिया गया था वहीं इस बार खुद नीतीश सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने इस मुद्दे को हवा दे चुके हैं। श्रवण कुमार ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जद (यू) के कार्यकर्ता चाहते हैं कि नीतीश कुमार उनके क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ें। इनमें विशेष रूप से फूलपुर की जनता नीतीश कुमार को अपने संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की इच्छुक है। नीतीश कुमार के यूपी से चुनाव लड़ने को लेकर समाज के हर वर्ग के लोग उत्साहित हैं।
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश से यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव लड़ते है तो बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी पार्टी मजबूत होगी , खासकर उत्तर प्रदेश में कुर्मी समाज नेतृत्व बिहीन है जबकि समाज की आबादी 13 प्रतिशत से ऊपर है , बिहार की भांति उत्तर प्रदेश में भी लव- कुश समीकरण पर काम किया जा सकता है , उत्तर प्रदेश में यदि लव- कुश समीकरण ने मिलकर सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया तो लोकसभा चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश की शियासत में भी पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।
देश में राजनीतिक दल भले ही विकास का सपना दिखाएं, लेकिन उनके केंद्र बिंदु में जाति ही रहती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब खुद को बिहार में लॉन्च किया तो विकास के साथ जाति आधार बनाने के लिए लव-कुश यानी कुर्मी-कोइरी फॉर्मूले के सहारे ही विपक्षियों का दुर्ग के भेदने में सफल हो सके थे।
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