नई दिल्ली। जदयू में चल रही उठापटक आज शाम तक शांत होने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कल साढ़े ग्यारह बजे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। साढ़े तीन बजे राष्ट्रीय परिषद होगी। इसमें जो प्रस्ताव आएंगे, उसपर चर्चा होगी और फिर प्रेस कांफ्रेंस होगी। उन्होंने कहा कि जो प्रस्ताव पास होंगे उनके बारे में छह बजे के आसपास मीडिया को अवगत करवाया जाएगा।
कहा जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ललन सिंह और लालू यादव की बढ़ती नजदीकियों से खुश नहीं हैं। चर्चाएं तो यहां तक हैं कि ललन सिंह पार्टी के कुछ विधायकों के साथ बगावत भी कर सकते हैं। उनके खेमे के कई विधायकों ने पटना में मीटिंग भी की है। ऐसे कयासों के बीच ही नई दिल्ली में जंतर-मंतर स्थित जदयू कार्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग हो रही है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक विगत वर्ष पूर्व अध्यक्ष आर सी पी सिंह के बाद जद यू के अध्यक्ष पद पर लल्लन सिंह की ताजपोशी के बाद ही पार्टी में बगावती सुर उठने शुरू हो गए थे , लल्लन सिंह पर पिछड़ा समाज विरोधी होने के तमाम आरोप कार्यकर्ताओ ने लागए थे , लल्लन की महत्वाकांक्षा केंद्र में मंत्री बनने की थी किन्तु भाजपा द्वारा २ मंत्री पद देने में आनाकानी पर सिर्फ आर सी पी सिंह को ही मंत्री पद मिल पाया था जिस कारण ही लल्लन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौपी गई थी। पार्टी में इस बात की भी चर्चा है कि कभी मुख्यमंत्री नितीश कुमार की आँख , नाक एवं कान रहे भरोसेमंद आर सी पी सिंह की पार्टी से बिदाई में ललन सिंह एवं इनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पार्टी की कमान लल्लन सिंह के हाथ आने के बाद से ही जद यू में अंदरूनी बगावत तेज हो गई थी। बताया जाता है कि उपेंद्र कुशवाहा भी इसी चक्रब्यूह के शिकार हुए जो पुनः अपनी पार्टी के सहारे बिहार की राजनीति मे सक्रिय है।
फिरहाल ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा देने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि BJP के इशारे पर मीडिया द्वारा भ्रम फैलाने की बात कह रहे है। उन्होंने कहा कि यह बैठक नियमित है और उनकी पार्टी एकजुट है। ललन सिंह ने थोड़ा तल्खी के साथ कहा, “अगर मुझे इस्तीफा देना है, तो मैं आपको (मीडियाकर्मियों को) बुलाऊंगा और आपसे परामर्श करूंगा कि त्याग पत्र में क्या लिखना है ताकि आप BJP कार्यालय जा सकें और मसौदा प्राप्त कर सकें।उन्होंने कहा कि आप कहानी गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं… जदयू एक है और एकजुट रहेगी।
क्या JDU के ‘विभीषण’ साबित हुए ललन सिंह ?
पूर्व में भी लल्लन सिंह पर आरोप लगा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की वजह से पार्टी में भगदड़ मची। उनके कार्यकाल में इस्तीफा देने वालों की कतार लग गई। जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक ललन पासवान ललन सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे भाजपा का दामन थाम लिया था। ललन पासवान से पहले डॉ रणवीर नंदनन, उपेंद्र कुशवाहा और आरसीपी सिंह ने एक ही तरह के आरोप लगाते रहे हैं. आरोप लगे हैं कि ललन सिंह पार्टी को जिस तरह से आरजेडी की ओर ले गए हैं। वह कागज पर भले ही जदयू के अध्यक्ष हैं, लेकिन उनका कामकाज का तरीका पूरी तरह से आरजेडी चलाने जैसा है। पार्टी के कद्दावर नेता अशोक चौधरी को भी लल्लन सिंह के इशारे पर बेइजत करने का प्रयाश किया गया। फिरहाल पार्टी नेताओ में चर्चा है कि आज शाम बिभीषन से पार्टी मुक्त हो जाएगी।
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