लखनऊ.महागठबंधन की बयार बिगत 5 माह से चल रही है, महागठबंधन के इस बयार को गति दिया था बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने और मामला यहाँ तक पहुच गया था कि जनता दल परिवार में बिखराव के बाद जितने भी दल बने सभी को मिला कर एक दल हो जाय और इस पर नेताओ की सहमति बन कर एक पन्ने पर बने एजेंडे पर सभी प्रमुख दलों के मुखिया ने हस्ताक्षर भी कर दिया था परन्तु बीच में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने चुनाव चिन्ह के मुद्दे पर रोड़ा अटका कर इस रणनीति से बैक हो लिए किन्तु पुनः किसी तरह साईकिल निशान को लेकर सहमति बनी और बात आगे बढती इससे पूर्व फिर एक बार मुलायम खिसक लिए और मामला टाय-टाय फिश हो गया .
एक बार फिर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह सत्ता की कुंजी हाथ से जाते देख उसी गठबंधन के मुहाने पर आ खड़े हो गये किन्तु इस बार इनके साथ बिहार की राजनीति के खिलाडी नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव् मुलायम को बिहार की भांति उत्तर प्रदेश की सियासत में गच्चा देने के मूड में है ,सनद रहे बिहार के चुनाव में महागठबंधन में समाजवादी पार्टी भी शामिल थी किन्तु येन मौके पर मुलायम सिंह यादव ने बिहार के महागठबंधन से किनारा कर अकेले चुनाव मैदान में कूद गए थे.सत्ता हाथ से जाने निकल जाने से भयभीत सपा सुप्रीमो गठबंधन को लेकर बेहद नरम हो गए है मगर गठबंधन की नीव में पेंच अभी बरकरार है.मुलायम सिंह यादव , शिवपाल व अमर सिंह के बीच आज हुई चर्चा के बात जो निष्कर्ष निकल कर आया है वह यही इशारा कर रहा हैं.प्रदेश की राजनीति में तैर रहे गठबंधन की खबरों को गुलाम नवी आजाद , राजबब्बर ने तो खारिज कर दिया मगर सपा की ओर से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुआ . आज दल के महासचिव अमर सिंह ,प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल के बीच मुलाकात हुई और दोनों सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के आवास पर गए.
उत्तर प्रदेश में बदल रहे राजनीतिक समीकरण,सपा के नेतृत्व में नया गठबंधन ,जदयू बाहर
बताया जाता है किमुलायम सिंह के आवास पर चुनावी रणनीति , प्रत्याशियों के चयन और गठबंधन पर मंथन हुआ.मुलायम सिंह के आवास से निकले अमर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि चुनाव व प्रत्याशियों पर चर्चा हुई, गठबंधन पर फैसला नेताजी करेंगे.