लखनऊ.समाजवादी परिवार में चल रही चाचा –भतीजे की जंग के बीच चाचा शिवपाल सिंह यादव के गुट ने अपनी स्थिति और मजबूत करते हुए पीसीएफ के अध्यक्ष पद पर पुनः आदित्य यादव को निर्वाचित कराते हुए अखिलेश विरोधी खेमे के दर्जन भर लोगों ने भी प्रबंध कमेटी में जगह बना ली है. आदित्य का कार्यकाल 2021 तक रहेगा. नियमों के मुताबिक आदित्य का कार्यकाल 2018 तक ही था. प्रक्रिया यह है कि ढाई वर्ष बाद दोबारा चुनाव कराया जा सकता है. कुछ समय पहले आदित्य यादव समेत कई निदेशकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद दोबारा चुनाव की प्रक्रिया अपनाई गई. प्रशासन ने निर्वाचन अधिकारी बनाकर मंगलवार को चुनाव कराया. निर्वाचन के बाद आदित्य यादव ने पुनः पीसीएफ के सभापति के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया.
सनद रहे पीसीएफ प्रबंध समिति के सभापति और सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है. इसके पहले आदित्य यादव फरवरी 2013 में पीसीएफ के सभापति चुने गये थे. देखा गया है की पीसीएफ हमेशा सत्तापक्ष के पास रहा है .
निर्वाचन में आदित्य यादव को निर्विरोध सभापति निर्वाचित घोषित किया गया. पीसीएफ प्रबन्ध कमेटी में मेरठ मंडल से जितेन्द्र यादव, झांसी से घनश्याम अनुरागी, वाराणसी से विजय शंकर राय, गोरखपुर से घनश्याम यादव और ज्ञानेन्द्र सिंह, लखनऊ से डॉ रश्मि यादव और अशोक सिंह, आगरा से सुघर सिंह, कानपुर से मोहन कुमार यादव, मुरादाबाद से अंजली, बरेली से लक्ष्मी देवी यादव, फैजाबाद से जितेन्द्र यादव और इलाहाबाद मंडल से सुघर सिंह को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया.
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