लखनऊ.समाजवादी पार्टी में चल रहा गृह यूद्ध शान्त होने का नाम नहीं ले रहा,कल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रो रामगोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर जंग पर पटाक्षेप करने का प्रयाश किया किन्तु प्रो रामगोपाल यादव द्वरा बुलाई गई १ जनवरी की आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन पर कुछ नहीं बोले किन्तु 1 जनवरी को तड़के सुबह एक पत्र के माध्यम से प्रो रामगोपाल यादव द्वरा बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन को असम्बैधानिक करार देते हुए कहा ये अधिवेशन असंवैधानिक है और जो भी इसमें हिस्सा लेगा उसके खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप में कठोर कार्यवाही की जाएगी.
इधर सुबह से ही जनेश्वर मिश्र पार्क में समाजवादियो का जमवाडा लगना शुरु हो गया था और ठीक समय पर रामगोपाल और अखिलेश सम्मलेन में पहुच कर राजनैतिक हालत पर चर्चा करते हुए सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का रास्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करते हुए मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बनाया गया.मंच से रामगोपाल ने यह भी घोषणा की शीघ्र ही सुचना निर्वाचन आयोग को भेज दी जायेगी.
इस अधिबेशन में शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया तो अमर सिंह को पार्टी से बहार का रास्ता दिखा दिया गया.
मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा की आज अध्यक्ष बनने के बाद मेरी प्राथमिकता पार्टी को आगे बढाकर उत्तर प्रदेश में पुनः सरकार बनाकर नेता जी को उपहार देना है,इस उपहार के बाद नेता जी बेहद खुश होगे क्योकि उनकी इच्छा भी यही है ,मै कुछ भी हो जाऊ नेता जी मेरे पिता है पिता रहेंगे इसे कोई ख़त्म नहीं कर सकता.
अखिलेश ने पार्टी में साजिशों के लिए शिवपाल और अमर सिंह का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए कहा,आने वाले तीन-चार महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, न जाने कौन मिलकर क्या फैसला करवा दे, कौन मिलकर क्या टाइप करवा दे.
अखिलेश ने कहा कि नेता जी के नाम का सहारा लेकर मेरे खिलाफ साजिश की गई. मुझे हटाने के लिए टाइपराइटर घर पर मंगाया गया. मैं नेता जी के खिलाफ साजिश करने वालों के खिलाफ हूं. ऐसे लोगों को मैं छोड़ूंगा नहीं.पार्टी के लिए मैं कोई भी त्याग करने को तैयार हूं.