भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के बीच मिलीभगत-मायावती - न्यूज़ अटैक इंडिया
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भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के बीच मिलीभगत-मायावती

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सुश्री मायावती ने बताया कि उत्तर प्रदेश में एससी को 87, मुस्लिम को 97, ओबीसी को 106 और अगड़ी जाति के 113 उम्मीदवार हैं. अगड़ी जातियों में 66 टिकट ब्राह्मणों को, 36 कायस्थ और 11 वैश्य और पंजाबी समाज के लोगों को दिए गए हैं। मायावती के मुताबिक कौन कितना बीएसपी के आंदोलन से जुड़ा रहा है इसको देख कर टिकट बितरित किया गया है.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जोर शोर से जुटी बसपा सुप्रीमो चुनाव की आगाज के बाद ही आज कल मीडिया की शुर्खियो में शुमार है, मीडिया से दूरी रखने वाली बसपा सुप्रीमो इस बीच हर मुद्दे पर मीडिया को बुलाकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही है.

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बसपा की आज हुई प्रेस वार्ता में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नीति ही गरीब तथा किसान की विरोधी है. भारतीय जनता पार्टी को अपने बहुमत का अहंकार है. इनकी सभी नीतियां अभिशाप साबित हो रहीं हैं. देश में काला धन तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के नाम पर भाजपा अब अत्याचार कर रही है.नोट बंदी पर भाजपा के फैसले के कारण ही लाइन में लगे सैकड़ों लोगों की मौत भी हुई थी. देश की अधिकांश जनता नोटबंदी से अब भी परेशान है. अब तो इनके अच्छे दिन के आसार बहुत कम दिख रहे हैं.




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बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काला धन के साथ ही सभी भ्रष्टाचार पर जवाब देना चाहिए. कम से यह तो बताएं कि अब तक कितना कालाधन पकड़ा गया. बिना कोई जवाब के वह रोज नया-नया शिगूफा छोड़ते जा रहे हैं.यह भी बता दें कि गरीबों को मकान देने का वादा क्या हुआ. अब तो नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो गए हैं. अभी भी जनता को राहत नहीं मिली है. अब लोगों के मन में भारतीय जनता पार्टी के प्रति भारी आशंकाएं पैदा हो रही हैं.

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सुश्री मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने भी वर्षों तक जनता को गुमराह किया. अब भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस की तर्ज पर जनता को गुमराह कर रही है. प्रधानमंत्री का 31 दिसंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में भी खाली घोषणाएं की गईं. यह सब खानापूर्ति है.उत्तर प्रदेश का चुनाव देख इनको सब याद आ रहा है. प्रधानमंत्री ने डेढ़ साल पहले घोषणाएं क्यों नहीं कीं.लखनऊ की भाजपा की रैली में भाड़े के लोग जुटाए गये थे. भारतीय जनता पार्टी अब अपनी विफलताओं को छिपा रही है. इनका गरीबों को 15 लाख देने का जुमला झूठा साबित हुआ है. काला धन को यह लोग अभी तक उजागर नही कर सके. अब तो कम से कम लोगों को अपने हिसाब से खर्च की आजादी मिले.प्रधानमंत्री को कम से कम 2017 में सद्बुद्धि आए. कम से कम नया वर्ष जन पीड़ादायी वर्ष साबित न हो. आम जनता अपने पैसे के लिए लाचार है.

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सुश्री मायावती ने भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के बीच मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में तो सपा व भाजपा में मिलीभगत चल रही है. इस कारण मुस्लिम समाज सपा को वोट देकर अपना वोट खराब न करे. इनके बीच मिलीभगत का ही असर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी समाजवादी परिवार के झगड़े पर कोई चर्चा नहीं की.उन्होंने जनसभा में भी सपा परिवार में झगड़े पर कुछ भी नहीं कहा. इस बार चुनाव में प्रदेश में दलित व मुस्लिम वर्ग का वोट मिलने से बसपा जीत दर्ज करेगी. इस बार तो पिछड़ा वर्ग के साथ सवर्ण जाति के लोग भी बसपा को वोट देंगे. प्रदेश में यादव वोट 60-70 सीटों पर निर्णायक है. इन सबके बीच भी कांगेस को वोट देना तो बीजेपी को फायदा पहुंचाने जैसा है. जनता एकतरफा बीएसपी को वोट दे. सपा परिवार में वर्चस्व को लेकर घमासान मचा है. सपा में झगड़े से अब तो यादव वोट दो हिस्सों में बंट गया है.



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