डर गए मुलायम ,अखिलेश को सौपेंगे पार्टी की बागडोर - न्यूज़ अटैक इंडिया
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डर गए मुलायम ,अखिलेश को सौपेंगे पार्टी की बागडोर

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में महीनों से चली आ रही पारिवारिक जंग थमने की ओर है.पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनाव चिन्ह साईकिल पर फस रही दाव पेच के कारण समाजवादी कुनबा अखिलेश यादव को पूरी तरह समाजवादी पार्टी की कमान सौंपने का मन बना रहा है और पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी.चुनाव आयोग में समाजवादी पार्टी का ‘साइकिल’ चुनाव चिन्ह को फंसता देख मुलायम और शिवपाल यादव बैकफुट पर आ गए हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई समर्थक विधायकों और मंत्रियों की बैठक में विधायकों ने अखिलेश यादव को हलफनामा सौंप दिया है .

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी के 220 एमएलए और 60 एमएलसी ने सौंपे हलफनामें में हस्ताक्षर किए हैं. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव की बुलाई बैठक में हलफनामा पहले से तैयार था सिर्फ एमएलए और एमएलसी को इस हलफनामे पर हस्ताक्षर करने बाकी रह गए थे.मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की मांग पर विधायकों से लिया हलफनामा चुनाव आयोग को सौंपेंगे.
सूत्रों के मुताबिक शिवपाल गुट के भी कई एमएलए और एमएलसी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई मीटिंग में पहुंचे थे.बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के समधी और समाजवादी पार्टी के एमएलसी जितेंद्र यादव भी अखिलेश यादव की बुलाई बैठक में पहुंचे थे.एमएलसी जितेंद्र यादव शिवपाल यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं.अखिलेश यादव ने बैठक में कहा कि जो भी यहां बैठक में आया है उनमें से किसी का भी टिकट नहीं काटा जाएगा.हम सिर्फ विधानसभा चुनावों तक ही समाजवादी पार्टी की कमान संभालेंगे. विधानसभा चुनावों के बाद जैसा नेताजी बोलेंगे बिल्कुल वैसा ही करेंगे.अखिलेश ने कहा कि अबकी बार नेताजी दिल्ली से आएंगे तो हम खुद उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर रिसीव करने जाएंगे.
सूत्रों के मुताबिकअखिलेश यादव समाजवादी पार्टी का विवाद सुल्झाने के बाद कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर सकते हैं. इसके लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन को लेकर सहमति बन चुकी है. लेकिन गठबंधन होने की सूरत में अपना कद घटने के डर से कांग्रेस के कुछ बड़े नेता और टिकट कटने के डर से ज़्यादातर कांग्रेसी प्रत्याशी गठबंधन के विरोध पर अमादा है.



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