लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में सभी दल अल्पसंख्यक मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की फ़िराक में और तो और बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के घोषित उम्मीदवारो में एक सैकड़े मुस्लिम को टिकट देकर खुद को सबसे बड़ी अल्पसंख्यक मुस्लिम समर्थन होने का दावा कर रही है ,तो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा भी इस्लाम समर्थको को अपने पक्ष में लामबंद करने का प्रयाश कर रहा है .मुस्लिम वोट बैंक को जागीर समझने वाली समाजवादी पार्टी से परिवारिक विवाद के कारण मुस्लिम वोट बैंक मोह भंग हो रहा है.
मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की पुरजोर कोसिस को बागपत के एक इमाम ने एक ऐलान कर लगाम लगा दिया है ,इमाम के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों की नींद उड़ गई है.
बागपत के बडौत में फूंस वाली मस्जिद से शहर इमाम मौलाना आरिफ उल हक ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि नेताओं के लिए फूंस वाली मस्जिद के दरवाजे बंद रहेंगे. मस्जिद में उलेमाओं की बैठक हुई और शहर इमाम आरिफ उल हक ने ऐलान कर दिया कि मस्जिद में आकर फोटो खिंचाकर मुस्लिमो को अपने पक्ष में करने के दावा करने वालों के लिए मस्जिद के दरवाजे बंद रहेंगे. मस्जिद में आना है तो सिर्फ इबादत के लिए आएं.
शहर इमाम ने ये ऐलान बागपत की करीब 550 मस्जिदों और 143 मदरसों के लिए किया है। मौलाना आरिफ उल हक ने ये भी कहा कि सहायता के नाम पर राजनीतिक दलों से चंदा नहीं लिया जाएगा.इस बार चुनाव में पार्टी नहीं प्रत्याशी देखें और उसका पुराना इतिहास भी ध्यान रखें, क्योंकि जो सभी को साथ लेकर चलेगा उसे ही वोट दें. चाहे वो किसी भी दल का क्यों ना हो.