लखनऊ. उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास में बड़ा बदलाव होने के क़यास लगाए जा रहे है.समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल के बीच गठबंधन तकरीबन तय माना जा रहा था किंतु समाचार लिखे जाने तक रालोद द्वारा 35 सीटों की माँग को समाजवादी पार्टी पूरी करने से गुरेज कर रही है ऐसे में लोकदल मुखिया अजीत सिंह किसी भी सूरत में २० सीटों पर गठबंधन में आने को आतुर नहीं है, ऐसी सूचना है कि अजीतसिंह महागठबंधन में 35 सीटो से कम पर शामिल नहीं होंगे .सभी पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे पर भी सहमति नहीं बन पाईं है.उम्मीद था कि आज महागठबंधन का ऐलान कभी भी हो सकता है.
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खबर के मुताबिक अखिलेश यादव कांग्रेस के लिए 89 और रालोद के लिए 20 सीटें छोड़ने को तैयार हैं.रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी के कुल 14 प्रत्याशी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं जिसकी सहमति भी बन चुकी हैं.यही वजह है कि यूपी में गठबंधन को लेकर अब कांग्रेस नेता खुलकर बोलने लगे हैं वहीं कांग्रेस मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने साफ तौर पर कहा कि महागठबंधन के लिए वो सीएम पद की दावेदारी छोड़ देंगी,हालांकि गठबंधन के बाद अखिलेश के सामने कई चुनौतियां आने वाली हैं.कांग्रेस ने सपा के कब्जे वाली 10 से अधिक सीटें मांगी हैं, अगर अखिलेश कांग्रेस की बात मान लेते हैं तो पार्टी में बगावत भी हो सकती है,
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सूचनानुसार कि उक्त 10 सीटों के सपा प्रत्याशी बागी होकर निर्दलीय लड़ सकते हैं या भाजपा या बसपा का दामन थाम सकते हैं,इसी ख़तरे को देखते हुए अखिलेश ने कोंग्रेस से सौदा तय कर लिया कि सपा के 14 कैंडिडेट्स कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे. फिरहाल महागठबंधन में सीटों के बँटवारे का अंतिम निर्णय अभी बन नहीं पाने कारण आज दोपहर घोषणा सम्बंधी मुख्यमंत्री की होने वाली प्रेसवार्ता भी नहीं हो पाईं. लोकदल ने मीडिया से साफ़ कह दिया है की ३० सीटों कम पर बात नहीं बनपाएगी और हम अकेले चुनाव लड़ेंगे, फिर हाल लोकदल से बातचीत का दौर जारी हैदेर शाम तक स्थिति साफ़ होने की उम्मीद हैं.