लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के कारण मंत्री पद से बर्खास्त हुए गायत्री प्रजापति को दोबारा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।
नूतन ठाकुर के अनुसार उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि मंत्री को संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत पद से तब हटाया जाता है, जब वे राज्यपाल का विश्वास खो देते हैं। लिहाजा गायत्री प्रजापति को भी दोबारा तब तक मंत्री नहीं बनाया जा सकता, जब तक विश्वास खोने के कारणों को दूर न कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि इसके खिलाफ राज्यपाल के समक्ष भी याचिका दी गई थी। राज्यपाल ने उन्हें सुनने के बाद इस संबंध में विधिक राय लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन गायत्री को दोबारा मंत्री बना दिया गया है, इसलिए वह यह याचिका दायर कर रही हैं। वही गायत्री प्रजापति के फिर मंत्री पद की शपथ लेने पर उनके खिलाफ लोकायुक्त के यहां परिवाद भी दाखिल किया गया। फैजाबाद निवासी रजनीश सिंह ने बताया कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ फिर से एक नया परिवाद लोकायुक्त के यहां दाखिल किया गया है। गायत्री प्रजापति के बेटे, बेटी, पत्नी व सहयोगियों के विरुद्ध पर्याप्त सबूत लोकायुक्त को उपलब्ध करा दिया है। रजनीश ने बताया कि उन्होंने करीब 150 पेज के साक्ष्य दिए हैं।
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