लखनऊ .देश में बढ़ रही गरीबी पर हो –हल्ला मचाने में राजनैतिक दल कभी पीछे नहीं रहे .भाजपा ,सपा ,कांग्रेस या बहुजन समाज पार्टी हमेशा अपने आपको गरीबो का मसीहा और हम दर्द बनते रहते है लेकिन अगर चुनावों में प्रत्याशियों की बात करें तो सभी दलों ने गरीबों के वोट को अपने पाले में करने के लिए किसी आम आदमी गरीब को चुनावी रणक्षेत्र में न उतार कर हमेशा करोड़पतियो का ही सहारा लिया है. उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 15 जिलों की 73 सीटों पर 11 फ़रवरी को होना है. इसके लिए सभी दलों के प्रत्याशियों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है. पहले चरण में प्रत्याशियों द्वारा दायर की गई हलफनामों के मुताबिक इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से करीब 250 उम्मीदवार करोड़पति हैं.
चौकाने वाली बात यह है कि दलितों के सहारे सत्ता पर राज कर चुकी गरीबों, दलितों और पिछड़ों की राजनीति का दंभ भरने वाली बहुजन समाज पार्टी ने सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवारों को चुनावी रण क्षेत्र में उतारा है. बसपा के टिकट पर इस बार 52 करोंड़पति प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. सत्तासीन समाजवाद का दंभ भरने वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने 44, कालेधन और बेनामी संपत्ति पर रोक की वकालत लगाम लगाने वाली भाजपा ने 37 और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पथ चिन्हों का अनुसरण करने वाली उनके बेटे अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने 31 करोड़पतियों को टिकट दिया है.
पहले चरण के चुनाव में सबसे अमीर प्रत्याशी रालोद के सहेंद्र सिंह रमाला हैं. इनकी कुल संपत्ति 38.04 करोड़ रुपये हैं. सहेंद्र सिंह रमाला रालोद के टिकट पर बागपत जिले के छपरौली विधानसभा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसके बाद बसपा के सुधन कुमार का नंबर आता है.गाजियाबाद की मुरादनगर सीट से चुनाव लड़ रहे सुधन के पास 33.30 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति है. इसी तरह बसपा के टिकट पर मेरठ दक्षिण से प्रत्याशी हाजी याकूब कुरैशी के पास 28.72 करोड़, गढ़मुक्तेश्वर से प्रत्याशी प्रशांत चौधरी के पास 26.57 करोड़ की संपत्ति है. इस सूची में टॉप फाइव में समाजवादी पार्टी के राहुल यादव का भी नाम है. सिकंदराबाद से चुनाव लड़ रहे राहुल के पास 22.78 करोड़ की संपत्ति है.