सहारा-सेबी विवाद में सुब्रत रॉय और सहारा ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से सबसे बड़ा झटका लगा है. सर्वोच्च न्यायालय ने लोनावला में सहारा की प्राइम प्रॉपर्टी एंबी वैली को अटैच करने का आदेश सुनाया है.
कोर्ट ने कहा कि सहारा 2 हफ्ते में ऐसी संपत्तियों की लिस्ट दे जिन्हें नीलाम कर बकाया रकम वसूली जा सकती है. कोर्ट ने सहारा के जुलाई 2019 तक बकाया लौटाने के प्रस्ताव को नाकाफी बताया.सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी तक सहारा से उन संपत्तियों की लिस्ट मांगी जिन पर विवाद नहीं है जिससे उनकी नीलामी की जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख दी है. कोर्ट ने कहा कि रकम की वसूली तक टाउनशिप सुप्रीम कोर्ट के पास रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय की पेरोल भी दो हफ्ते बढ़ा दी है. सहारा की ओर से कहे गए 600 करोड़ रुपये सेबी को जमा करवाने के बाद ही कोर्ट ने उनकी पेरोल बढ़ाई है.कोर्ट ने कहा कि जब तक सहारा ग्रुप निवेशकों का बकाया रुपये का हिस्सा चुकाता रहेगा वो सुब्रत रॉय को वापस जेल नहीं भेजेंगे.आज सुब्रत रॉय के पेरोल की सीमा खत्म हो रही थी.सहारा की लग्जरी टाउनशिप एंबी वैली मुंबई के पास लोनावला में है. सहारा की इस संपत्ति की मार्केट वैल्यू 39 हजार करोड़ रुपये है.
सोमवार को सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2012 के आदेश के मुताबिक निवेशकों से गलत तरीके से ली गयी रकम लगभग 26 हजार करोड़ रुपए हैं. इसमें से सहारा ने सेबी के पास 11 हजार करोड़ ही जमा कराए हैं.सेबी ने बताया कि अभी सहारा की ओर से 14779 करोड़ रुपये बकाया हैं.
सेबी ने ये भी कहा कि ब्याज समेत अब ये रकम बढ़कर 36 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गयी है. लेकिन कोर्ट ने कहा कि वो पहले मूल रकम की वसूली पर ध्यान देना चाहता है. उसके बाद ही ब्याज की बात करेंगे.मार्च 2014 से जेल में बंद सुब्रत राय इस समय पैरोल पर बाहर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मां के अंतिम संस्कार के लिए 6 मई, 2016 को सुब्रत रॉय का पैरोल मंजूर किया था. उसके बाद 28 नवंबर, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को जेल से बाहर रहने के लिए 6 फरवरी, 2017 तक 600 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया था.