लखनऊ .यूपी स्टेट हाईवे अथॉरिटी के तहत फोरलेन सड़क का बिना निर्माण करवाए ही अधिकारियो की मिलीभगत से भुगतान हो जाने का सनसनी सरकारी लूट का मामला सामने आया है. उप्सा के परियोजना की करीब 206 किमी लंबा फोरलेन बनाने का ठेका जिन कंपनियों को दिया गया, उन्होंने कागजों पर हाईवे बनाया और बैंक अफसरों की मिलीभगत से सरकार के 455 करोड़ रुपये बिना कार्य धरातल पर उतारे ही डकार गए.
यूपी स्टेट हाईवे अथॉरिटी की यह फोरलेन दिल्ली-सहारनपुर से यमुनोत्री मार्ग (एनएच 57) पर बनना था. इस मामले में उप्सा के परियोजना महाप्रबंधक शिवकुमार अवधिया ने विभिन्न ठेकेदार कंपनियों के डायरेक्टर्स और बैंकों के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स समेत 18 लोगों के खिलाफ विभूतिखंड थाने में धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज करवाया है .
परियोजना महाप्रबंधक के अनुसार फोरलेन निर्माण का काम मेसर्स एसईडब्ल्यू-एसएसवाई हाइवेज लिमिटेड को दिया गया था. यूपी स्टेट हाईवे अथॉरिटी ने इसके लिए कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टर हैदराबाद की श्रीनगर कालोनी निवासी सुकरवा अनिल कुमार और अलोरी साईबाबा से एक अगस्त 2011 को एग्रीमेंट किया था.
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डायरेक्टर्स ने 30 मार्च 2012 को काम शुरू करके 900 दिन में काम पूरा करने का दावा किया. परियोजना की कीमत 1735 करोड़ रुपये थी.