पटना . जनता दल यू के रास्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ना तो मुझे किसी पद की लालसा है ना ही कोई महत्त्वाकांक्षा है. मुझपर लोग आरोप लगाते हैं, सवाल उठाते हैं, मैंने तो मेवालाल पर आरोप लगते ही स्स्पेंड कर दिया था. बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार का मामला भी सामने है और जांच के बाद सबकुछ साफ हो जाएगा.
जदयू विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने उक्त बातें कहते हुए कहा कि पेपर लीक मामले में बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे आइएएस एसोसिएशन द्वारा इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को मानने से मुख्यमंत्री ने इनकार कर दिया है.पेपर लीक प्रकरण में विपक्ष के हंगामे पर कहा कि वह चुनौती देते हैैं कि अगर कर्मचारी चयन आयोग के मामले में किसी मंत्री या फिर विधायकों के बारे में अगर आरोप लगाने वाले के पास कोई साक्ष्य है तो इस संबंध में गठित पुलिस की विशेष टीम को जानकारी दें.
सीबीआई जांच की मांग को नकारते हुए उन्होंने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का मामला हो या फिर पेपर लीक जांच का मसला. विशेष जांच टीम ने जांच की प्रक्रिया को अतिशीघ्रता से मुकाम पर पहुंचाया है. बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस कांड में हमारी पुलिस जहां तक पहुंची थी उससे एक कदम भी आगे सीबीआई नहीं पहुंच सकी.
जदयू के निलंबित विधायक और पूर्व सबौर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मेवा लाल चौधरी प्रकरण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का इस मामले में यह आरोप गलत है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस प्रकरण में संचिका लंबित रखी. सच तो यह है कि कुलाधिपति कुलपति के नियंत्रक होते हैैं. कुलाधिपति ने जांच के आदेश दिए तो उसके तहत कुलानुशासक ने एफआइआर दर्ज कराई.
उत्तर प्रदेश चुनाव की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि यूपी चुनाव पर यूपी में बहुत मेहनत की, लेकिन किसी ने पूछा ही नहीं. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा रोकने के लिए उनकी पार्टी ने वहां चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया. वैसे दिल्ली महानगर परिषद के चुनाव में जदयू सक्रियता पूर्वक चुनाव लड़ेगी.
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