दिल्ली में सरकार तो बन गई थी विज्ञापन की मदद से और देश ने कांग्रेस से परेशान हो कर दिल पर पत्थर रख मोदी को स्वीकार भी कर लिया था और संघ को यह उम्मीद थी की मोदी ने जैसे गुजरात में एक छात्र राज किया और कोई भी खबर यानी गलत खबर गुजरात से बाहर नहीं आने दी ठीक उसी तरह केंद्र में भी हो पायेगा .
केंद्र की सरकार यानी दिल्ली की सरकार को मोदी ने एक तरह से अपने कब्जे में ले लिया और दिखावे के तौर पर कई मंत्री भी बन गए लेकिन एक तरह से मोदी गैंग का ही कब्जा रहा और ये मंत्री मात्र गुडिया बन कर रह गए सारे के सारे फैसले केवल मोदी ही लेता रहा यानी वित् मंत्रालय के फैसले मोदी ने लिए , एच आर डी के फैसले मोदी ने लिए विदेश मंत्री के नाम के फैसले , डिफेंस के फैसले बावजूद इसके संघ ने कभी भी मोदी के फैसले पर आपति नहीं जताई क्योकि संघ को लग रहा था की मोदी नाम शायद काम कर जाए और आने वाले पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा जित जाए लेकिन मोदी के अनाप शनाप फैसले , अनाप शनाप भाषण और एक सड़क छाप आदमी की तरह बयानबाजी ने भाजपा की इमेज को काफी क्षति पहुचाई है बल्कि मोदी भक्तो के लिए मोदी ने मुसीबत खड़ी कर दी प्रचंड तरीके सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर रहने वाले भक्त खुद इतने शर्मिंदा रहते है की उनकी समझ में नहीं आता की वो कैसे मोदी का बचाव करे . हलांकि संघ की बौधिक इकाई मोदी के बहाव में कुछ न कुछ लाते रहते है लेकिन इन सका कोई असर नहीं रहा और पांच राज्यों के चुनाव के एग्जिट पोल में भाजपा अपने पहले स्थान से भी गिर गई है.
हालंकि भाजपा ने पहले से ही अपना मन बनाया हुआ है की अगर इन पांच राज्यों के चुनाव में मोदी का जादू चला तो ठीक वर्ना ११ मार्च को पूर्वनिर्धारित नागपुर की मीटिंग यह फैसला कर लिया जाएगा की मोदी को प्रधानमंत्री पद से मुक्त कर दिया जाए और उसकी जगह ब्राह्मण को प्रधानमन्त्री बना दिया जाए जिसमे प्रकाश जावेडकर का नाम सबसे आगे है , वैसे यह भी कहा जा रहा है की सुधांशु त्रिवेदी भी इसमें आ सकते है क्योकि सुधान्सू त्रिवेदी बौधिक बल के साथ साथ आक्रामक भी है .जन उदय में प्रकाशित यह खबर ेसोसल मीडिया पर तेजी से वाइरल हो रही है.
(खबर कैसी लगी बताएं जरूर. आप हमें फेसबुक, ट्विटर और जी प्लस पर फॉलो भी कर सकते हैं.)