लखनऊ . इस बार पिछड़ी जातियों ने भाजपा को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है. पिछड़ी जातियों में गैर यादव जातियों के करीब 70 फीसदी वोटों ने भाजपा की सियासी जमीन को विस्तार दिया और रही-सही कसर दलित वोटबैंक के गैरजाटव मतदाताओं के 65 फीसदी समर्थन ने पूरी कर दी।
इस बार की खास बात यह रही है कि कुर्मी मतदाताओं ने केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार ,प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह ,पूर्व मंत्री रामकुमार वर्मा ,सांसद पंकज चौधरी सरीखे दिग्गज भाजपाई नेताओ के इशारे पर भाजपा के पक्ष में खुल कर माहौल बनाया और उसे मतदान के दिन मतों में परिवर्तित कर सत्ता पर अपने नेताओ को पदस्थापित करने का सपना पाल लिया .
उत्तर प्रदेश की राजनीति में कुर्मियो के दिग्गज सर्वमान्य नेता पटेल रामकुमार वर्मा ने एतिहासिक जीत अर्जित किया है . कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके रामकुमार वर्मा का कुर्मी समेत अन्य पिछड़ी जातियों में दवदबा है .कल्याण सिंह की सरकार में इन्हें मिनी मुख्यमंत्री की संज्ञा दी जाती थी .कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जी के जयंती पर लाखो पटेल समर्थको की जुटान कर राम कुमार वर्मा ने अपनी ताकत का एहसास करवया था . सन 1989 में रामकुमार वर्मा को लोक निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया और वर्ष 2000 में वह सहकारिता विभाग के मंत्री रहे.
पटेल बंसज इस बार भाजपा से अपेक्षा पाल रखे है की सत्ता में उनकी संख्या के हिसाब से भागीदारी होगी और सत्ता के शीर्ष पर किसी पटेल बंशज को प्रतिनिधित्व करने का मौका भाजपा नेतृत्व देगा .
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