उन्नाव. पत्रकारों के विरूद्ध शोसल मीडिया पर अभद्र टिप्पड़ी करनें के मामले में कथित हिस्ट्रीसीटर राजेश बाजपेई पर लखनऊ पुलिस उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लखनऊ पुलिस नें मुकदमा दर्ज किया है.
दरअसल कथित हिस्ट्रीसीटर राजेश बाजपेई पुत्र गंगाचरन बाजपेई निवासी 449 पूरबखेड़ा सिविल लाईन्स, उन्नाव लम्बे समय से हरदोई पुल के नीचे स्थित टैम्पो स्टैंड़ पर गरीब टेम्पो चालकों से अपनें नौकर रामसंकर व सूरज सिंह के साथ मिलकर अवैध वसूली कर रहा है, कुछ पत्रकारों तक मामले की शिकायत पहुँचनें पर कथित अपराधी की अवैध वसूली के विरूद्ध मीडिया में खबर के साथ शिकायत भी की गई, जिससे बौखलाकर उन्नाव की ध्वस्त कानून व्यवस्था के चलते कथित राजेश बाजपेई ने शोसल मीडिया पर पत्रकारों के विरूद्ध अभद्र टिप्पडिया लिख दी, मामले की शिकायत उन्नाव एस०पी० को की गई किन्तु कार्यवाही ना होनें पर पत्रकारों नें लखनऊ पुलिस उच्चाधिकारियों को मामले की शिकायत की, जिस पर लखनऊ मे कथित राजेश बाजपेई के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया.
हरदोई पुल के नीचे स्थित टैम्पों स्टैड़ से राजेश बाजपेई अपनें नौकर रामसंकर व सूरज सिंह के साथ मिलकर स्टैड़ की 33 टेम्पों से प्रत्येक की दर से 80 रूपये रोजाना, 600 रू माहवार व पहली बार स्टैड़ पर टेम्पो लगानें (अटैचिंग) पर 6000/- रूपये के हिसाब से हर माह लाखें की अवैध वसूली करता है, कथित राजेश बाजपेई द्वारा वसूली में पुलिस व प्रशासन की खुली मिलीभगत है, सूत्रों के अनुसार वसूली का बड़ा हिस्सा सीधे पुलिस उच्चाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुँचता है, इसी कारण वश एस०पी० कार्यालय से 500 मीटर तथा जिलाधिकारी कार्यालय से महज 100 मीटर की दूरी पर हरदोई पुल के नीचे स्थित टैम्पो स्टैड़ से कथित राजेश बाजपेई अपने नौकरों संग अवैध असलहों से लैस होकर खुलेआम गरीब टेम्पो चालकों से धन उगाही कर रहा है.
एस०पी० पवन कुमार के कार्यकाल में इसकी वसूली पूरी तरह बंद थी तथा इसके विरूद्ध 24 से अधिक मुकदमों की जांच में तेजी आने लगी थी किन्तु उनके स्थानांतरण के बाद से दोबारा कथित राजेश बाजपेई पुलिस व प्रशासन का दलाल बन गया और खुलेआम अवैध वसूली कर हिस्सा पहुँचानें लगा, इसी कारण वश कथित राजेश बाजपेई द्वारा पत्रकारों पर अभद्र टिप्पड़ी करनें की शिकायत एस०पी० उन्नाव से करनें पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई जबकि उक्त मामले में लखनऊ पुलिस द्वारा मीडिया संस्थान के संपादक की शिकायत पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया जाना बताया जा रहा है .
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