लखनऊ .उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के एक बड़े फैसले को पलटने की तैयारी कर रही है. इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश, मुलायम, मायावती और राजनाथ, नारायण दत्त तिवारी आदि अपने सरकारी बंगलों से बेदखल हो जाएंगे.
दरअसल एक अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री आवास रूल 1997 को खारिज कर दिया था. इस नियम के तहत यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जीवन भर सरकारी आवास में रह सकते थे.
इस मामले में 12 साल पहले 2004 में लोक प्रहरी नामक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर सरकार के उक्त नियमावली को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि सरकार इसके लिए करोड़ों का आवास आवंटित कर रही है. फैसले को रद्द किया जाए.
संस्था ने कहा कि अगर इसे रद्द नहीं किया गया तो बाकी राज्यों पर भी इसका असर पड़ेगा. कई साल तक सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार निर्णय सुनाया कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले दो महीने के अंदर खाली कराए जाएं.
पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह का बंगला
लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में तत्कालीन अखिलेश सरकार ने महीने भर के अंदर 30 अगस्त 2016 को विधानसभा में उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध) (संशोधन) विधेयक-2016 पारित करा लिया. जिसके तहत मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री के वेतन भत्तों को पुनरीक्षित किया गया.
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत उन्हें सरकारी आवास तथा अन्य सुविधाएं भी इस विधेयक से मिल गईं.यही नहीं इसके बाद खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बगल का आवास अपने नाम एलॉट कराया और वहां रहने लगे. इस समय बतौर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश का वही निवास है.
उत्तर प्रदेश शासन में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आदित्यनाथ योगी सरकार ने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही लागू किया जाए. इसके लिए सरकार संशोधन बिल को लेकर कानूनी राय ले रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का बंगला
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी इस पर फैसला ले लेंगे.
बंगलों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के इस समय सपा के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, बीजेपी नेता कल्याण सिंह, पूर्व कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं.
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