नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में बीजेपी कि सरकार बनने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों कि कर्ज माफ़ी का वादा किया था। जिसे हाल ही में योगी सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए सीएम योगी ने चुनावी वादा निभाते हुए किसानों का कर्ज माफ कर दिया। सरकार ने किसानों का एक लाख रुपया माफ किया है। लेकिन अब इस फैसले पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल इस फैसले से काफी परेशान हैं। उर्जित पटेल ने इस फैसले को अर्थव्यवस्था के लिए बेहद चिंताजनक बताया है। पटेल किसानों की कर्ज माफी के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से नाखुश दिखे और फैसले को अनुचित ठहराया।
आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा कि लोन माफी जैसे कदम का सरकारी खजाने में असर पड़ता है जो पहले से ही घाटे में होता है। लोन माफी से महंगाई बढ़ने का खतरा पैदा हो सकता है। उर्जित ने कहा कि कर्ज माफी से बैंकों की भी परेशानी बढ़ती है। साथ ही टैक्स देने वालों पर बोझ बढ़ता है। उन्होंने कहा कि लोन माफी जैसे फैसलों को वादे चुनाव प्रचार में न किए जाने पर सहमति बननी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार यूपी सरकार 36,359 करोड़ रुपए का कर्ज माफ़ी का बोझ ‘लोन बॉन्ड्स’ के जरिए झेलेगी, क्योंकि सरकारी खजाना सही स्थिति में नहीं है। यूपी सरकार का घाटा 4 साल के उच्चतम स्तर पर है। बता दें कि बैंक को भी अपने कामों के लिए कर्ज लेना पड़ता है। ऐसे में सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज लेते हैं। अगर बैंकों को सस्ते ब्याज पर पैसा मिलेगा तो वह लोगों को भी सस्ता लोन दे सकेगा जिसकी ब्याज दर कम होंगी। आरबीआई गर्वनर ने कर्ज माफ़ी के फैसले को बेहद चिंताजनक बताया।
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