लखनऊ .मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों का शामली जनपद का चिकित्सा विभाग ठेंगा दिखा रहा है .यहां अपहरण के बाद रेप पीड़िता दो दिनों से अलग अलग अस्पतालों के चक्कर काट रही है लेकिन उसका मेडिकल टेस्ट नहीं हो रहा है. अगर 72 घंटे के भीतर मेडिकल टेस्ट नहीं होता है तो फिर मेडिकल टेस्ट का मतलब ख़त्म हो जाएगा.
शामली जिले में चिकित्सा प्रभारी खुद एक महिला डाक्टर हैं. इसके बावजूद अपनी मन मर्जी कर रही हैं. नाबालिक युवती जिसके साथ अपहरण कर रेप किया गया उसे दो दिन से शामली और मुजफ्फरपुर जिला अस्पताल के चक्कर लगवाए जा रहे हैं.
यह मामला शामली के थाना बाबरी क्षेत्र का है,जहा बीते दिनों दबंगो ने एक नाबालिग युवती को अगवा कर लिया फिर उसके साथ एक महीने तक रेप किया.पीड़ित नाबालिक के परिजनों ने इसकी शिकायत थाना बाबरी में कर मुकदमा दर्ज करवाया . पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए युवती को अपनी एक महिला सिपाही के साथ मेडिकल कराने के लिए भेज दिया. महिला सिपाही रेप पीड़िता और उसके परिजन दो दिनों से मेडिकल टेस्ट के लिए भटक रहे हैं लेकिन अभी तक मेडिकल नहीं किया गया है.
चर्चा है कि दबंगों के दबाव के चलते मेडिकल में लेट लतीफी किया जा रहा है ,यदि मेडिकल समय से नहीं होगा तो रेप पीडिता कोर्ट से न्याय को बंचित हो सकती है .
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